अगस्त 2024 में एक बार फिर मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार (MP govt) लेगी 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज
मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार (MP govt) अगस्त 2024 में एक बार फिर 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज दो चरणों में 2,500 करोड़ रुपये की राशि के रूप में लिया जाएगा। जन्माष्टमी के अगले दिन, 27 अगस्त को पहला चरण पूरा होगा। इस कर्ज की भरपाई 14 साल की अवधि में की जाएगी। इससे पहले, 6 अगस्त को भी सरकार ने 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। यह नया लोन 2038 तक के लिए होगा, जिसके लिए सरकार ने योजना बना ली है।
कर्ज का उद्देश्य और योजना (MP govt)
मध्यप्रदेश सरकार (MP govt) द्वारा इस कर्ज का उद्देश्य मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले कार्यों को गति देना है। हाल ही में 1.29 करोड़ “लाड़ली बहनें” योजना के तहत बहनों को राखी के लिए 250 रुपये और मासिक 1,250 रुपये की राशि वितरित की गई। इसके अलावा, कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के बकाया एरियर्स का भुगतान भी किया गया। इन योजनाओं की पूर्ति के लिए (MP govt) सरकारी खजाने पर बढ़ता बोझ नई ऋण योजनाओं की आवश्यकता पैदा कर रहा है।
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वित्त विभाग ने अगस्त में लिए जाने वाले 2,500 करोड़ रुपये के नए लोन के लिए नीलामी की अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना में उल्लेख है कि यह कर्ज 14 साल की अवधि के लिए होगा और इसकी मूल राशि 28 अगस्त 2038 तक चुकाई जाएगी। ब्याज की अदायगी (MP govt) सरकार हर साल करेगी। 6 अगस्त को लिए गए कर्ज में ब्याज का भुगतान 11 साल और 21 साल की अवधि में किया जाएगा।
कर्ज की स्थिति और उसके संभावित प्रभाव
यह नया कर्ज मध्यप्रदेश सरकार (MP govt) के चालू वित्त वर्ष का तीसरा कर्ज होगा। इससे पहले भी सरकार ने राज्य (MP govt) के विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर कर्ज लिया है। 31 मार्च 2024 को खत्म हुए वित्त वर्ष में राज्य पर कुल 3,75,578 करोड़ रुपये का कर्ज था। 2023-24 में भाजपा सरकार ने एक साल में 44,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जबकि इसके पहले 31 मार्च 2023 तक राज्य पर 3,31,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था।
राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह कर्ज सरकार (MP govt) की कल्याणकारी योजनाओं को मजबूत करने में सहायक होगा। हालांकि, कर्ज का बढ़ता बोझ राज्य की आर्थिक स्थिरता पर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार ने समय रहते वित्तीय सुधार नहीं किए तो भविष्य में राज्य की आर्थिक स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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इस प्रकार, यह नया कर्ज एक दोधारी तलवार की तरह है। जहां एक ओर यह विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं को गति देगा, वहीं दूसरी ओर राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार (MP govt) द्वारा लिया जा रहा यह नया कर्ज एक महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय है। हालांकि, इसका उद्देश्य विकास कार्यों और जनकल्याण योजनाओं को मजबूती प्रदान करना है, लेकिन इसके साथ ही राज्य (MP govt) पर कर्ज का बढ़ता भार भी चिंता का विषय है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस वित्तीय चुनौती से कैसे निपटती है और किस तरह से राज्य की आर्थिक स्थिति को संतुलित करती है।
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पिछले साल लिए थे 44 हजार करोड़, अब तक 3. 75 लाख करोड़ का कर्ज
मध्यप्रदेश की जनता पर 31 मार्च 2024 को खत्म हुए वित्त वर्ष में 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्ज है। एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक बीजेपी सरकार ने एक साल में 44 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया था। इसके पहले 31 मार्च 2023 को सरकार पर कर्ज की राशि 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक थी।