छिंदवाड़ा महापौर ने थामा भाजपा का दामन,कमलनाथ को एक और झटका

छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम आहाके ने थामा बीजेपी का दामन
छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम आहाके ने थामा बीजेपी का दामन
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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका कमलनाथ के करीबी और छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम आहाके ने थामा बीजेपी का दामन

लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं की अपनी महत्वाकांक्षाओं के चलते दल बदल का दौर चरम पर है इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है जहां कमलनाथ के करीबी और छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम आहाके ने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया आपको बता दे दो दिन पहले ही आदिवासी विधायक कमलेश शाह ने बीजेपी ज्वाइन की थी़ महापौर आहाके ने सीएम हाउस पहुंचकर मोहन यादव के सामने बीजेपी के  सदस्यता ली.

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मिली जानकारी के मुताबिक इससे पहले भी कई सभापति और पार्षद बीजेपी में शामिल हो चुके हैं जिसके बाद अब नगर निगम में कांग्रेस भी अल्पमत में आ गई है राजनीति के जानकारों की माने तो यदि यही हाल रहा तो कांग्रेस आगे चल के अधिक परेशानी का सामना कर सकती है क्योंकि एक के बाद एक बड़े-बड़े नेता कांग्रेस का साथ छोड़कर अन्य राजनीतिक दलों में जा रहे हैं

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विक्रम के चुनाव जीतने के बाद प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने उनकी प्रशंसा करते हुए छिंदवाड़ा को भाजपा मुक्त जिला बताया था। एकाएक लोकसभा चुनाव से पहले विक्रम ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया।

कमलेश के बाद महापौर विक्रम आहाके ने भी बदला पाला, कांग्रेस को बदलनी पड़ेगी रणनीति

छिंदवाड़ा में लगातार कांग्रेस के बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं ऐसे में आप कमलनाथ को आगामी लोकसभा चुनाव जीतने के लिए नई रणनीति बनानी पड़ेगी। पिछले चार दिनों में दो बड़े आदिवासी नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ा है छिंदवाड़ा में आदिवासी वोट बैंक का अच्छा प्रभाव है यदि चुनाव तक आदिवासी वोट बैंक को नहीं साधा गया तो पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है ऐसे में कमलनाथ को आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए नई रणनीति बनानी पड़ेगी, ऐसा राजनीतिक जानकार कहते हैं।

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