आईसीएमआर के पूर्व नेशनल चेयर और एम्स इम्यूनोलॉजी के पूर्व डीन डॉक्टर नरिंदर मेहरा ने बताया कि आम तौर पर किसी भी वायरल इंफेक्शन के बाद लिंफोसाइट काउंट बढ़ जाता है लेकिन कोविड-19 के हमले में बॉडी का लिंफोसाइट काउंट नीचे चला जाता है.
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा देश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच डॉक्टर नरिंदर मेहरा का दावा है कि भारत के लोगों की इम्युनिटी काफी बेहतर है. जिसके कारण भारत में दूसरे देशों की तरह डेथ टोल नहीं बढ़ेगा.
रिंदर मेहरा ने बताया कि आम तौर पर किसी भी वायरल इंफेक्शन के बाद लिंफोसाइट काउंट बढ़ जाता है लेकिन कोविड-19 के हमले में बॉडी का लिंफोसाइट काउंट नीचे चला जाता है और बाद में शख्स की मौत भी हो जाती है. लिंफोसाइट्स सफेद रक्त कोशिकाएं हैं जो शरीर की मुख्य प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाओं में से एक हैं.
भारत इम्युनिटी में अव्वल
नरिंदर मेहरा ने बताया कि भारत इम्युनिटी में अव्वल है. एम्स में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि भारत में डाइवर्सिटी ज्यादा होने की वजह से इम्युन रिस्पॉन्स जीन यानी वह जीन जो इम्युनिटी को गाइड करते हैं वो यूरोपियन देशों की तुलना में मजबूत हैं. प्रति व्यक्ति से प्रति व्यक्ति और जनसंख्या से जनसंख्या इम्युनिटी डाइवर्सिटी काफी ज्यादा है.

उन्होंने बताया कि देश में कम मौतों की तीन वजह है. फिजिकल डिस्टेंसिंग, इम्यून सिस्टम और वातावरण. हमारा हल्दी, अदरक और मसाले वाला खाना भी हमारी इम्युनिटी में इजाफा करता है. वहीं डॉक्टर नरिंदर मेहरा का कहना है कि वो अब फ्रांस, अमेरिका, हंगेरियन कंट्री से कोरोना के सैंपल लेकर इंटरनेशनल स्टडी का मन बना रहे हैं.
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डॉक्टर नरिंदर मेहरा का दावा है कि भारत में बाकी देशों की तुलना में डेथ रेट नहीं बढ़ेगी. इसकी वजह ब्रोड बेस इन्युनिटी है. उन्होंने कहा कि इटली, स्पेन और अमेरिका की तरह भारत में डेथ रेट नहीं बढ़ेगी. इटली और स्पेन में कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई है.
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बता दें कि भारत में कोरोना वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है. अब तक भारत में कोरोना वायरस के 600 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. वहीं कोरोना वायरस के कारण देश में 12 लोगों की मौत भी हो चुकी है. कोरोना के संकट को रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगा है. जो कि 14 अप्रैल तक रहेगा.