Amit Shah ने आरक्षण पर rahul-gandhi को दी चेतावनी,कोई छू भी नहीं सकता

Amit Shah ने आरक्षण पर rahul-gandhi को दी चेतावनी,कोई छू भी नहीं सकता

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Rahul-gandhi पर भड़के union minister Amit Shah,बोले- कोई छू भी नहीं सकता

Amit Shah ने rahul-gandhi को दी चेतावनी है..जी हां हम ऐसा इसलिए कह रहें हैं क्योकि बीते दिन rahul-gandhi अमेरिका के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने कुछ बाते कहीं जिसके बाद से बीजेपी ने लगातार विपक्ष पर निशाना साधा हुआ है। बता दें कि बीजेपी के कई बड़े नेता rahul-gandhi की आलोचना कर रहे है। वहीं केंद्रीय मंत्री और पूर्व अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने भी विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला बोला है। अमित शाह ने बुधवार (11 सितंबर 2024) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “देश विरोधी बातें करना और देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होना rahul-gandhi और कांग्रेस पार्टी की आदत सी बन गई है.

चाहे जम्मू-कश्मीर में JKNC के देशविरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो, या फिर विदेशी मंचों पर भारत विरोधी बातें करनी हो, राहुल गांधी ने देश की सुरक्षा और भावना को हमेशा आहत किया है.”

आगे अमित शाह (Amit Shah) ने लिखा कि भाषा से भाषा, क्षेत्र से क्षेत्र और धर्म से धर्म में भेदभाव लाने की बात करना राहुल गांधी की विभाजनकारी सोच को दर्शाता है. rahul-gandhi ने देश से आरक्षण को समाप्त करने की बात कह कर कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा एक बार फिर से देश के सामने लाने का काम किया है. मन में पड़े विचार और सोच किसी न किसी माध्यम से बाहर आ ही जाते हैं. मैं rahul-gandhi को बताना चाहता हूं कि जब तक भाजपा है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और देश की एकता के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता.

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आरक्षण खत्म के सवाल पर क्या बोला

वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता rahul-gandhi ने अमेरिका के दौरे पर (10 सितंबर 2024) को जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत के दौरान आरक्षण से जुड़े एक सवाल पर कहा था कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी जब सही समय होगा, जोकि अभी नहीं है. राहुल ने कहा था. उनसे पूछा गया था कि भारत में आरक्षण कब खत्म होगा. इसके जवाब में राहुल ने आगे कहा, “जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपये मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है.

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असलियत यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है. भारत के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखें. मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाएं. मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं. मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है. वे भारत के 50 प्रतिशत हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं. हालांकि अब, आरक्षण एकमात्र साधन नहीं है. अन्य साधन भी हैं.”

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