सरकार ने 7.5 लाख कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल 2025 से 7वें वेतनमान के अनुसार भत्तों के पुनरीक्षण की घोषणा की।
मध्यप्रदेश सरकार ने 7.5 लाख कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए घोषणा की कि 1 अप्रैल 2025 से सभी भत्तों का पुनरीक्षण 7वें वेतनमान के अनुसार किया जाएगा।
9 साल बाद लिया गया फैसला
वर्तमान में कर्मचारियों को 6वें वेतनमान के आधार पर 2010 में तय किए गए भत्ते मिल रहे हैं। इनमें कई भत्तों की राशि बहुत कम हो गई है, जिससे कर्मचारियों को परेशानी हो रही थी। उदाहरण के लिए:
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- परिवहन भत्ता मात्र 200 रुपए है, जो पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के अनुसार बेहद कम है।
- अन्य भत्ते जैसे सचिवालय भत्ता, गृहभाड़ा भत्ता, यात्रा भत्ता, जोखिम भत्ता, विकलांगता भत्ता, पुलिस आहार भत्ता, वर्दी धुलाई भत्ता आदि की भी समीक्षा नहीं हुई थी।
कई कर्मचारी संगठन लंबे समय से भत्तों में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। पहले, सरकार 5 साल के भीतर भत्तों को बढ़ा देती थी, लेकिन इस बार 7वें वेतनमान लागू होने के 110 महीने (लगभग 9 साल 2 महीने) बाद यह निर्णय लिया गया है।
7.5 लाख कर्मचारियों की मांग: पुनरीक्षण जल्द लागू हो
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार वेतनमान तो बढ़ा देती है, लेकिन भत्तों को नजरअंदाज कर देती है।
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- पहले, भत्तों में 4-5 साल में बढ़ोतरी हो जाती थी, लेकिन इस बार 9 साल बाद केवल घोषणा हुई है।
- 2026 से 8वां वेतनमान लागू होने वाला है, ऐसे में सरकार को 7वें वेतनमान के तहत भत्तों का पुनरीक्षण जल्द करना चाहिए।
- सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि 8वें वेतनमान के साथ ही भत्तों में भी वृद्धि हो।
7.5 लाख कर्मचारियों के लिए राहत या इंतजार?
सरकार के इस निर्णय से 7.5 लाख कर्मचारियों को राहत तो मिलेगी, लेकिन उन्हें 1 अप्रैल 2025 तक इंतजार करना होगा। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि भत्तों के पुनरीक्षण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए, ताकि कर्मचारियों को इसका लाभ जल्दी मिल सके।
सरकार का यह फैसला क्या कर्मचारियों को संतुष्ट कर पाएगा, या इसे लेकर विरोध जारी रहेगा? यह आने वाले समय में साफ होगा।
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