भोपाल एएसआई रिश्वत कांड साइबर ठगी के आरोपियों को बचाने के लिए मांगे थे 25 लाख, पुलिसकर्मी फरार
भोपाल। ऐशबाग थाने के एएसआई पवन रघुवंशी को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। जांच में सामने आया कि उसने साइबर ठगी के तीन आरोपियों को बचाने के लिए 25 लाख रुपये की मांग की थी। रघुवंशी ने खुलासा किया कि इस सौदे में थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई मनोज सिंह, हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
आरोपियों को बचाने के लिए हुई डील
एएसआई रिश्वत कांड एफआईआर में बताया गया कि मुख्य आरोपी अफजल खान के साले मुईन खान, भाई वसीम खान और पत्नी जाहिदा को केस से बचाने के एवज में रिश्वत मांगी गई थी। रघुवंशी फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
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मुईन खान की काली कमाई का खुलासा
साइबर ठगी के इस रैकेट से करोड़ों रुपये कमाकर अफजल खान ने अपने साले मुईन खान के नाम से टीकमगढ़ में निवेश किया था। मुईन खान, जो चार साल पहले तक एक कुरियर कंपनी में काम करता था, अब रसूखदार बिल्डरों में गिना जाता है। उसने क्रशर प्लांट और कई कॉलोनियों का निर्माण किया है।
ठगी का तरीका और पुलिस की भूमिका
भोपाल के प्रभात चौराहे स्थित ऑडियोलॉजी एडवांस स्टॉक प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कॉल सेंटर चल रहा था, जहां से 26 युवक-युवतियां शेयर बाजार में निवेश के नाम पर लोगों को ठगते थे। 23 फरवरी को पुलिस ने यहां दबिश दी और संचालक अफजल खान के बेटे अमान को गिरफ्तार किया, लेकिन उसे बाद में छोड़ दिया गया।
एएसआई रिश्वत कांड की परतें खुलीं
जब ऐशबाग थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल की टीम मुईन खान की गिरफ्तारी के लिए टीकमगढ़ पहुंची, तो वहां मुईन की लग्जरी लाइफस्टाइल देखकर अधिकारियों का लालच बढ़ गया। पार्षद अंशुल जैन उर्फ मोना जैन के जरिए सौदेबाजी शुरू हुई। मोना ने एएसआई पवन रघुवंशी से संपर्क किया और तीन नाम हटाने के बदले 25 लाख रुपये में डील तय हुई।
एएसआई रिश्वत कांड,रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया एएसआई
डील की सूचना लीक होने पर पुलिस ने पवन रघुवंशी के घर पर छापा मारा और 5 लाख रुपये बरामद किए। इस दौरान एएसआई फरार हो गया, जबकि अन्य आरोपी अंडरग्राउंड हो चुके हैं। पुलिस ने ठगी के कॉल सेंटर को सील कर दिया है।
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मुईन खान पर 19 आपराधिक मामले दर्ज
मुईन खान के खिलाफ हत्या के प्रयास, लूट, मारपीट, अड़ीबाजी जैसे 19 मामले दर्ज हैं। जांच में पाया गया कि अफजल खान साइबर ठगी से कमाए पैसे को टीकमगढ़ में मुईन खान के जरिए निवेश कर रहा था।
एएसआई रिश्वत कांड एफआईआर में दर्ज आरोप और पुलिस कार्रवाई
एफआईआर के मुताबिक, रिश्वत की पूरी योजना थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई पवन रघुवंशी, एएसआई मनोज सिंह और प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बनाई थी। रिश्वत के 5 लाख रुपये पवन को मोना ने सौंपे, लेकिन इससे पहले कि 10 लाख की दूसरी किश्त मिलती, पुलिस ने दबिश दे दी।
एएसआई रिश्वत कांड भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी
रिश्वत की रकम की जब्ती प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई और आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल ने आरोपों को गलत बताया है और कहा कि पवन रघुवंशी ने उन्हें फंसाने की कोशिश की।
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