पीएम मोदी ने 2 जुलाई से शुरू की 5 देशों की ऐतिहासिक विदेश यात्रा, जिसमें घाना, त्रिनिडाड एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया शामिल हैं। दौरे के दौरान भारत की वैश्विक रणनीति को मिलेगा नया आयाम।
पीएम मोदी ने मंगलवार, 2 जुलाई 2025 को अपनी अब तक की सबसे लंबी विदेश यात्रा की शुरुआत की है। यह यात्रा कुल 8 दिन की होगी, जिसमें वे 5 देशों – घाना, त्रिनिडाड एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया – का दौरा करेंगे। इस यात्रा के दौरान वे दो महाद्वीपों की यात्रा करेंगे और कई रणनीतिक, आर्थिक, और वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चाएं करेंगे।
यह यात्रा इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि यह प्रधानमंत्री मोदी की 2015 के बाद पहली ऐसी यात्रा है, जो लगातार आठ दिन चलेगी। पिछली बार उन्होंने जुलाई 2015 में रूस और पाँच मध्य एशियाई देशों का दौरा किया था।
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पहला चरण: घाना – पश्चिम अफ्रीका की आर्थिक शक्ति से नई साझेदारी
2 जुलाई को पीएम मोदी घाना पहुंचे, जो उनका इस देश का पहला द्विपक्षीय दौरा है। घाना, पश्चिम अफ्रीका का एक तेजी से उभरता हुआ देश है और भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार भी।
भारत, घाना का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है और भारत की ओर से आयात किए जाने वाले 70% उत्पादों में सोना प्रमुख है। प्रधानमंत्री मोदी यहां घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा से मिलेंगे और आर्थिक, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।

पीएम मोदी की अब तक की सबसे लंबी विदेश यात्रा शुरू
दूसरा चरण: त्रिनिडाड एंड टोबैगो – भारतीय प्रवासी समुदाय से जुड़ाव
घाना के बाद, पीएम मोदी 3 जुलाई को कैरेबियाई देश त्रिनिडाड एंड टोबैगो पहुंचे। इस देश में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्या रहती है, जो वहां की आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हैं।
यह 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा है। पीएम मोदी यहां राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कांगालू और प्रधानमंत्री कमला पर्साद बिसेसर से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही वे वहां की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। भारत-त्रिनिडाड संबंधों में ऐतिहासिक गहराई रही है और यह यात्रा उसे नई ऊर्जा प्रदान करेगी।
तीसरा चरण: अर्जेंटीना – व्यापार और खनिज संसाधनों पर सहयोग
4 जुलाई को पीएम मोदी अर्जेंटीना पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेवियर मीलई के साथ बातचीत की। भारत और अर्जेंटीना के बीच हाल के वर्षों में व्यापारिक रिश्ते और गहरे हुए हैं। भारत 2024 में अर्जेंटीना का पाँचवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना।
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इस यात्रा में रक्षा, कृषि, खनिज, तेल व गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, और निवेश जैसे विषयों पर विशेष चर्चा हुई। पीएम मोदी ने बयान दिया, “अर्जेंटीना के साथ हमारा सहयोग वैश्विक मंचों पर भी महत्वपूर्ण है, खासकर G20 में।”
चौथा चरण: ब्राज़ील – BRICS सम्मेलन और रणनीतिक साझेदारी
5 से 8 जुलाई तक पीएम मोदी ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में आयोजित हो रहे BRICS नेताओं के 17वें शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह उनकी प्रधानमंत्री रहते हुए चौथी ब्राज़ील यात्रा है।
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी। ब्राज़ील भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाना चाहता है और आकाश मिसाइल प्रणाली तथा सुरक्षित संचार तकनीक में रुचि दिखा चुका है।
MEA के अनुसार, इस सम्मेलन में वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार, बहुपक्षवाद को मज़बूत करना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जिम्मेदार उपयोग, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य और वित्तीय स्थिरता जैसे विषयों पर चर्चा होगी।

पीएम मोदी की अब तक की सबसे लंबी विदेश यात्रा शुरू
BRICS घोषणा में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा
ब्राज़ील में आयोजित BRICS सम्मेलन की घोषणा में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की जाएगी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत ने इसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिससे पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ढांचे पर निशाना साधा गया।
पाँचवां और अंतिम चरण: नामीबिया – अफ्रीकी संबंधों को नई दिशा
पीएम मोदी की यात्रा का अंतिम चरण होगा नामीबिया, जहां वे राष्ट्रपति नेटुम्बो नांदी-नडैतवाह से मिलेंगे। वे नामीबिया के संस्थापक नेता डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और वहां की संसद को भी संबोधित करेंगे।
यह तीसरी बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री नामीबिया का दौरा कर रहा है। भारत और नामीबिया के बीच ऊर्जा, खनिज, रक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में गहरी साझेदारी की संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री की यात्रा का महत्व
यह दौरा भारत की ग्लोबल साउथ रणनीति, रक्षा सहयोग, खनिज संसाधनों की आपूर्ति, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर देश में पीएम मोदी की यह कोशिश है कि भारत की वैश्विक छवि को और मज़बूत किया जाए।
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