Dalai lama ने बताया कब होगा उत्तराधिकारी का चुनाव, चीन की भूमिका से किया इनकार

Dalai lama ने बताया कब होगा उत्तराधिकारी का चुनाव
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90 वर्ष की उम्र के करीब पहुंचे तिब्बती धर्मगुरु Dalai Lama ने साफ किया कि उनके उत्तराधिकारी का चयन उनकी मृत्यु के बाद होगा और इसमें चीन की कोई भूमिका नहीं होगी।

तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama ) की उम्र अब 90 वर्ष के करीब पहुंच चुकी है। जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ रही है, वैसे-वैसे उनके उत्तराधिकारी को लेकर दुनिया भर में चर्चा तेज होती जा रही है। क्या नया दलाई लामा चुना जाएगा? कब चुना जाएगा? और किस प्रक्रिया से होगा उसका चयन? इन सभी सवालों पर अब खुद 14वें दलाई लामा ने बड़ा बयान दिया है।

 Dalai lama ने बताया कब होगा उत्तराधिकारी का चुनाव

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दलाई लामा ने कहा— मेरी मृत्यु के बाद होगा उत्तराधिकारी का चुनाव

दलाई लामा (Dalai Lama) ने साफ-साफ कहा है कि उनका उत्तराधिकारी तब ही चुना जाएगा जब वे इस संसार को छोड़ देंगे। उनका यह बयान उस समय आया है जब चीन की ओर से उनके पुनर्जन्म और उत्तराधिकारी प्रक्रिया में भागीदारी को लेकर लगातार दावे किए जा रहे हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल “गादेन फोडरंग ट्रस्ट” को ही उनके पुनर्जन्म और उत्तराधिकारी को मान्यता देने का अधिकार होगा, न कि किसी भी सरकार या राजनीतिक संस्था को।

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600 साल पुरानी है दलाई लामा (Dalai Lama) की उत्तराधिकार परंपरा

तिब्बती बौद्ध धर्म में दलाई लामा (Dalai Lama) की पदवी को पुनर्जन्म के आधार पर चुना जाता है। यह परंपरा पिछले 600 वर्षों से चली आ रही है। वर्तमान में 14वें दलाई लामा तेनज़िन ग्यात्सो इस पद पर हैं, जिनका जन्म 1935 में तिब्बत में हुआ था। उन्हें बचपन में ही 14वें दलाई लामा के रूप में पहचान दी गई थी।

पुनर्जन्म की यह मान्यता केवल धार्मिक आधार पर होती है और इसे तिब्बती बौद्ध परंपरा के अनुसार मान्यता दी जाती है।

चीन और तिब्बत के बीच विवाद का केंद्र है उत्तराधिकार

दलाई लामा (Dalai Lama) के उत्तराधिकारी को लेकर चीन और तिब्बती समुदाय के बीच वर्षों से विवाद चल रहा है। चीन ने पहले ही यह संकेत दिए हैं कि वह नए दलाई लामा को अपने अनुसार चुनना चाहता है। बीजिंग का दावा है कि केवल उसकी सरकार को यह अधिकार है कि वह नए दलाई लामा की मान्यता तय करे।

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दलाई लामा ने चीन के इस रुख की कड़ी निंदा करते हुए कहा,

“चीन का कोई नैतिक या धार्मिक अधिकार नहीं है कि वह मेरे उत्तराधिकारी के बारे में फैसला करे। तिब्बती लोग अपने धर्म और परंपरा को अच्छे से समझते हैं।”

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गादेन फोडरंग ट्रस्ट: कौन करेगा उत्तराधिकारी की पहचान?

दलाई लामा (Dalai Lama) ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि केवल उनका स्थापित गादेन फोडरंग ट्रस्ट ही यह निर्णय लेगा कि अगला दलाई लामा कौन होगा। यह संस्था तिब्बती धर्म और परंपरा के अनुरूप कार्य करती है और इसमें किसी राजनीतिक हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाती।

ट्रस्ट द्वारा ही भविष्य में दलाई लामा के पुनर्जन्म की पहचान की जाएगी और 15वें दलाई लामा की मान्यता दी जाएगी।

क्या भारत में होगा उत्तराधिकारी का चयन?

दलाई लामा (Dalai Lama)  1959 में तिब्बत से निर्वासन में आने के बाद से भारत के धर्मशाला में रह रहे हैं। यहां उनकी सरकार-इन-एक्साइल भी काम कर रही है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अगला दलाई लामा भारत में ही खोजा जा सकता है।

भारत की धरती तिब्बती समुदाय के लिए न केवल एक सुरक्षित आश्रय स्थल है, बल्कि यहां उनकी धार्मिक गतिविधियां भी स्वतंत्र रूप से संचालित होती हैं।

चीन क्यों चाहता है नियंत्रण?

चीन का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी है। यदि वह दलाई लामा के पुनर्जन्म को नियंत्रित करता है तो वह तिब्बती जनता पर धर्म के नाम पर भी अपना प्रभाव बना सकता है। इससे तिब्बत में हो रहे स्वतंत्रता आंदोलनों को कमजोर किया जा सकता है।

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इसलिए चीन चाहता है कि अगला दलाई लामा उसका समर्थक हो, जिससे तिब्बत पर उसका नियंत्रण बना रहे।

दलाई लामा (Dalai Lama) की चेतावनी

अपने हालिया इंटरव्यू में दलाई लामा (Dalai Lama) ने स्पष्ट कर दिया कि अगर चीन ने अपनी मनमानी से किसी नए दलाई लामा को घोषित किया, तो वह मान्य नहीं होगा।

“अगर चीन ने अपने तरीके से कोई दलाई लामा घोषित किया, तो वह केवल राजनीतिक हथकंडा होगा। तिब्बती समुदाय उसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।”

क्या हो सकता है भविष्य का रास्ता?

  1. पुनर्जन्म भारत या नेपाल में हो सकता है: दलाई लामा (Dalai Lama) पहले ही कह चुके हैं कि अगला दलाई लामा भारत में जन्म ले सकता है।

  2. चीन द्वारा घोषित लामा को अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिलेगी।

  3. तिब्बती युवा वर्ग धार्मिक रूप से अधिक सजग हो रहा है, जिससे भविष्य में चीन की योजनाओं को चुनौती मिल सकती है।

  4. दलाई लामा (Dalai Lama) के जीवनकाल में उत्तराधिकारी की घोषणा भी हो सकती है, यदि उन्होंने ऐसा उचित समझा।

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