कर्नाटक में मुस्लिम ठेकेदारों को चार फीसदी आरक्षण देने पर भड़की BJP
भारतीय जनता पार्टी यानि BJP के सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कर्नाटक सरकार के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कर्नाटक सरकार ने जो सरकारी परियोजनाओं में मुस्लिम ठेकेदारों का चार फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है। इसके अलावा कांग्रेस के इसे समझौते की राजनीति बताया। भाजपा ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस कई चुनाव हारने के बावजूद भी अपनी गलितयों से सबक नहीं ले रही है।
इस मुद्दे पर रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि यह कर्नाटक का मामला है, लेकिन इसका राष्ट्रीय स्तर पर बहुत बुरा प्रभाव होगा। यह कांग्रेस और नेता राहुल गांधी की मानसिकता को दर्शाता है। कर्नाटक सरकार ने बजट में मुसलमानों के लिए सरकारी ठेकों में चार फीसदी आरक्षण देने की घोषणा सार्वजनिक रूप से की है। उन्होंने आगे यह भी कहा, कि अब तक हम केवल नौकरियों में आरक्षण की बात करते थे, लेकिन अब सरकारी ठेकों में भी आरक्षण देने की बात की जा रहा है और उसमें भी चार फीसदी मुसलमानों के लिए आरक्षित किया गया है।
सरकारी ठेकों में आरक्षण पूरी तरह है असंवैधानिक
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि BJP धर्म के आधार पर आरक्षण के पूरी तरह खिलाफ है और इसका विरोध भी करती रहेगी। उन्होंने आगे कहा, भाजपा इसके सख्त खिलाफ है और हम इसका विरोध भी करते रहेंगे। धर्म के आधार पर आरक्षण भारतीय संविधान के तहत मान्य नहीं है। सरकारी ठेकों में आरक्षण पूरी तरह असंवैधानिक माना जा रहा है। इसे केवल सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर अनुमति दी जा सकती है, लेकिन किसी धार्मिक समुदाय के तौर पर सीधे मान्य देना नहीं है।
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आर्थिक अवसरों में समावेशिता के लिए उठाया कदम
कर्नाटक सरकार के इस फैसले के कारण नई सियासी घमासान शुरू हो गया है। भाजपा ने इसे सांप्रदायिक तौर पर पक्षपात करार दिया है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार का कहना है कि यह कदम आर्थिक अवसरों में एक समान रूप से सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। प्रसाद ने कर्नाटक सरकार और कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा और मुस्लिम ठेकेदारों के लिए चार फीसदी आरक्षण के फैसले के लिए कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर राजनीतिक लाभ के लिए इस कदम को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया है।
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