एमपी में कम महंगाई भत्ता मिलने से नाराज पेंशनर,पुनर्गठन कानून धारा 49(6) में संशोधन की मांग

एमपी में कम महंगाई भत्ता मिलने से नाराज पेंशनर,पुनर्गठन कानून में संशोधन की मांग
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नियमित कर्मचारियों से 2% कम मिल रहा महंगाई भत्ता, नाराज पेंशनर्स ने की पुनर्गठन कानून में संशोधन की मांग

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के खिलाफ कम महंगाई भत्ता को लेकर एक बार फिर आवाज उठने लगी है इसके साथ ही पुनर्गठन कानून में संशोधन की मांग भी पेंशनर्स ने उठाई है उनका कहना है कि उन्हें नियमित कर्मचारियों की तुलना में महंगाई भत्ता दो प्रतिशत कम मिल रहा है और इसकी वजह राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) है यह तब लागू की गई थी जब मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग हुआ था

एमपी में कम महंगाई भत्ता मिलने से नाराज पेंशनर

एमपी में कम महंगाई भत्ता मिलने से नाराज पेंशनर

संयुक्त विभाग पेंशनर संघ ने इस धारा को हटाने की मांग करते हुए बताया कि देश में पहले भी कई राज्य विभाजित हो चुके हैं जैसे कि उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड अलग हुआ बिहार से झारखंड अलग हुआ और आंध्र प्रदेश से तेलंगाना अलग हुआ लेकिन वहां ऐसी कोई धारा नहीं है जिसके चलते पेंशनर को समस्याओं का सामना करना पड़े लेकिन मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग होने पर राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के चलते मध्य प्रदेश की पेंशनर्स समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है

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संघ के अध्यक्ष बीएल चौधरी के अनुसार नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले राहत भत्ते के बाद पेंशनरों को लाभ देने में यह धारा बाधक बनती है। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन अधिनियम की इस धारा के 6 बिंदुओं में कहीं भी सहमति का उल्लेख नहीं है।

पेंशनर संघ का आरोप है कि सरकार इस मामले में न्यायालय को गुमराह कर रही है। धारा 49(6) की आड़ में प्रदेश के पेंशनरों का आर्थिक शोषण हो रहा है। संघ ने मुख्यमंत्री से इस धारा को हटाकर पेंशनरों को राहत देने की मांग की है।

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