सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद Congress हमलावर, बीजेपी पर obc reservation लागू न करने का आरोप
मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण (obc reservation) का मुद्दा एक बार फिर से राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद कांग्रेस (Congress) ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस (Congress) नेताओं का कहना है कि यदि बीजेपी सरकार चाहती तो ओबीसी को 27% आरक्षण (obc reservation) पहले ही दे सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

obc reservation पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से Congress हमलावर
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बीजेपी की ओबीसी (obc reservation) विरोधी नीतियों के कारण ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
कमलनाथ का आरोप: बीजेपी ने ओबीसी को उनके हक से वंचित रखा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा,
“मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार का ओबीसी विरोधी रवैया किसी से छिपा नहीं है। मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल में सरकारी भर्तियों में ओबीसी को 27% आरक्षण (obc reservation) देने का कानून बनाया गया था। लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे लागू होने से रोका।”
private school में मनमानी फीस पर बनेंगे नियम,इन स्कूलों को लेना होगी परमिशन
कमलनाथ ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अब साफ कर दिया है कि मध्यप्रदेश सरकार मौजूदा कानून के तहत भर्तियों के विज्ञापन जारी कर सकती है। यानी 27% आरक्षण (obc reservation) पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा,
“अगर भाजपा सरकार चाहती, तो पिछले पांच वर्षों में हुई भर्तियों में ओबीसी को 27% आरक्षण (obc reservation) दिया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पूरी जिम्मेदारी के साथ पैरवी करनी चाहिए ताकि ओबीसी समुदाय को उनका हक मिल सके।”

obc reservation पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से Congress हमलावर
कमलनाथ ने कहा कि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भी बीजेपी सरकार ने ओबीसी विरोधी रुख अपनाया था, जिससे मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। अगर सरकार सच्चे तथ्यों के साथ सुप्रीम कोर्ट में दलील रखेगी, तो ओबीसी को उनके हक से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।
उमंग सिंघार का बयान: सरकार को दिखानी होगी प्रतिबद्धता
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए ट्वीट किया,
“अब ओबीसी को 27% आरक्षण (obc reservation)देने के लिए सरकार अपनी प्रतिबद्धता दिखाए। यह कानून कांग्रेस सरकार में बनाया गया था, लेकिन भाजपा ने इसे लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।”
Old pension scheme को लेकर 31 मार्च तक NMOP’s का बड़ा अभियान,1 मई को दिल्ली में होगा प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सरकार मौजूदा कानून के तहत भर्तियों के विज्ञापन जारी कर सकती है। इसका सीधा अर्थ है कि यदि बीजेपी चाहती तो वह पिछले पांच सालों में ओबीसी को 27% आरक्षण दिला सकती थी।
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा,
“भाजपा सरकार ने अपनी राजनीति के चलते ओबीसी आरक्षण (obc reservation) को नहीं लागू किया। अब जब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, तो एमपी सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह इसे पूरी ताकत से लागू कराए।”
बीजेपी का पलटवार: कांग्रेस (Congress) कर रही है राजनीति
कांग्रेस के इन आरोपों के बाद बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस (Congress) इस मुद्दे का सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।
बीजेपी प्रवक्ता का कहना है,
“हम ओबीसी समाज के साथ हैं और सुप्रीम कोर्ट में उनकी लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे। कांग्रेस (Congress) सिर्फ वोटबैंक की राजनीति कर रही है और ओबीसी समाज को गुमराह कर रही है।”
DCP पर कुल्हाड़ी से हमला,औरंगजेब को लेकर नागपुर हिंसा
बीजेपी ने यह भी तर्क दिया कि (Congress) कांग्रेस सरकार के समय ओबीसी आरक्षण को कानूनी मजबूती नहीं दी गई थी, जिससे इसे चुनौती दी गई।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि मध्यप्रदेश सरकार मौजूदा कानून के तहत सरकारी भर्तियों में 27% ओबीसी आरक्षण लागू कर सकती है। अब देखना होगा कि बीजेपी सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में भी बड़ा प्रभाव डाल सकता है। ओबीसी आरक्षण (obc reservation) को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज होने की संभावना है।
जनता की प्रतिक्रिया
ओबीसी समुदाय के लोग भी (obc reservation) इस फैसले को लेकर उत्सुक हैं। कुछ लोगों का मानना है कि सरकार को जल्द से जल्द 27% (obc reservation) आरक्षण लागू करना चाहिए, जबकि कुछ लोग इसे राजनीति से प्रेरित मुद्दा बता रहे हैं।
Leave a Reply