mp में वापस नहीं होगा ई अटेंडेंस का आदेश,शिक्षा मंत्री बोले चपरासी से डीईओ तक लगाएंगे हाजिरी

mp में वापस नहीं होगा ई अटेंडेंस का आदेश
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MP स्कूल शिक्षा विभाग में ई अटेंडेंस सिस्टम अनिवार्य किया जाएगा। मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि चपरासी से लेकर DEO तक इस प्रणाली का पालन करेंगे। सितंबर से पदोन्नति प्रक्रिया भी नए नियमों पर होगी।

मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ई अटेंडेंस सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले को लेकर शिक्षकों में नाराजगी देखने को मिल रही है। हाल ही में शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह से मुलाकात कर अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं। हालांकि मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि ई अटेंडेंस प्रणाली अब पूरे विभाग में लागू होगी और इसका पालन अनिवार्य होगा।

mp में वापस नहीं होगा ई अटेंडेंस का आदेश

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मंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि “चपरासी से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) तक सभी को ई अटेंडेंस लगानी होगी। यह व्यवस्था पूरे शिक्षा विभाग पर लागू की जा रही है और इसमें किसी को छूट नहीं दी जाएगी।” उन्होंने शिक्षकों से इस पहल में सहयोग करने की अपील की और साथ ही उनकी अन्य मांगों पर भी विचार करने का भरोसा दिलाया।

  शिक्षकों की मांगें और मंत्री की प्रतिक्रिया

शिक्षकों के राज्य स्तरीय संगठन राज्य शिक्षक संघ ने मंत्री से मिलकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। संघ के प्रतिनिधियों ने ई अटेंडेंस सिस्टम के साथ-साथ अनुकंपा नियुक्तियों में सरलीकरण, अध्यापकों का संविलियन, वरिष्ठता के आधार पर क्रमोन्नति, और गुरुजियों की समस्याओं को भी सामने रखा।

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प्रतिनिधियों ने यह भी मांग की कि अतिथि शिक्षकों को पूरे वर्ष सेवा में रखा जाए और उन्हें नियमित करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाए। साथ ही पदोन्नति में बीएड की अनिवार्यता समाप्त करने, नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 1 जुलाई से करने और जनशिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की आयु सीमा 56 वर्ष तक बढ़ाने की मांग की गई।

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मंत्री ने शिक्षकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि ई अटेंडेंस प्रणाली का उद्देश्य पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बढ़ाना है, न कि किसी को परेशान करना। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को यह व्यवस्था अपनानी होगी, ताकि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार आ सके।

 पदोन्नति प्रक्रिया सितंबर से होगी प्रारंभ

राज्य स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने यह भी घोषणा की कि सितंबर 2025 से नए नियमों के अनुसार पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। जिन जिलों में क्रमोन्नति की प्रक्रिया में समस्या आ रही है, उन्हें भी जल्द सुलझाया जाएगा। इस दिशा में विभागीय आयुक्त को स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “हम शिक्षकों की सभी समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। अनुकंपा नियुक्तियों के नियमों का शीघ्र सरलीकरण किया जाएगा ताकि मृत शिक्षकों के परिवारों को त्वरित राहत मिल सके।”

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  संघ की बैठक और आगे की रणनीति

इससे पूर्व राज्य शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष जगदीश यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी लंबित मांगों को लेकर मंत्री से सीधी बातचीत की जाए। इसी निर्णय के तहत प्रतिनिधिमंडल वल्लभ भवन पहुंचा और मंत्री से भेंट की।

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संघ ने यह भी मांग रखी कि अध्यापक संवर्ग में जो शिक्षक सातवें वेतनमान से वंचित हैं, उन्हें जल्द से जल्द यह लाभ दिया जाए। साथ ही कहा कि शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति की तारीख को वरिष्ठता में शामिल कर उन्हें क्रमोन्नति दी जाए।

 अतिथि शिक्षकों की भर्ती पर आदेश जल्द

मंत्री ने यह भी कहा कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू करने के आदेश जल्द जारी किए जाएंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नियमितिकरण की प्रक्रिया पर भी गंभीरता से काम किया जाएगा।

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ई अटेंडेंस प्रणाली पर शिक्षकों का विरोध एक तरफ है, तो सरकार की पारदर्शी व्यवस्था की नीति दूसरी तरफ। मंत्री उदय प्रताप सिंह ने साफ संकेत दे दिए हैं कि यह प्रणाली शिक्षा विभाग में लागू होकर रहेगी। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान की दिशा में सरकार सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है।

शिक्षकों की पदोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति, क्रमोन्नति, संविलियन और वेतनमान से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए अब विभागीय स्तर पर तेज़ कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में आने वाले महीनों में शिक्षक समुदाय और विभाग के बीच संवाद की यह प्रक्रिया किस दिशा में जाती है, इस पर सभी की नजरें रहेंगी।

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