रिश्वत देने वाले को फिल्मी अंदाज में लोकायुक्त टीम ने दबोचा
रिश्वत मांगने के आरोप में उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को सोनकच्छ बिजली विभाग के कार्यपालन यंत्री आनंद कुमार अहिरवार को एक वाहन मालिक से 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में पकड़ा है।
लोकायुक्त इंस्पेक्टर राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि शिकायतकर्ता आउटसोर्स एमपीईबी कार्यालय में काम करते हैं। इनकी बोलेरो यहां पहले से अटैच थी, 30 हजार रुपए माह के किराए में। गाड़ी का फिर से टेंडर डाला था।

रिश्वत लेकर कार से भाग रहा था अफसर,लोकायुक्त टीम ने दबोचा
गाड़ी अधिक रेट में अटैच हो जाए, इसके लिए वे कार्यपालन यंत्री आंनद कुमार अहिरवार से मिले। आनंद ने फरियादी से 70 हजार की रिश्वत मांगी। आंनद कुमार को पुष्पराज राजपूत ने 50 हजार रुपए की रिश्वत देने के लिए बोला। तय सौदे के मुताबिक अधिकारी ने बुधवार को रिश्वत के 25 हजार की पहली किस्त ली थी।
gas cylinder में लीकेज खाना बनाते समय महिला झुलसी,अशोकनगर की घटना
3 साल से सोनकच्छ डिवीजन में कार्यपालन यंत्री देवास में आनंद अहिरवार 2012 से 2015 तक सहायक यंत्री के पद पर थे। इसके बाद इनका ट्रांसफर 2015 में धार हो गया। यहां पर वह 2019 तक रहे। फिलहाल 3 साल से सोनकच्छ डिवीजन में कार्यपालन यंत्री हैं।
रिश्वत लेने के बाद भौंरासा टोल पर पकड़ाया आनंद का पीछा कर रही लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल मार्ग स्थित भौंरासा टोल पर उसकी गाड़ी को घेरकर पकड़ लिया। डीएसपी दिनेश पटेल के नेतृत्व में टीम ने आरोपी को 25 हजार रुपए के साथ गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि अधिकारी को रास्ते में टीम ने दो जगह रोका, लेकिन उसने गाड़ी की रफ्तार कम नहीं की, बल्कि रफ्तार और बढ़ा दी।
Simarjeet Singh को 1.5 करोड़ रुपये में सनराइजर्स हैदराबाद नेखरीदा
25000 रुपए लेकर लोकायुक्त कार्यालय पहुंचा इसके बाद फरियादी से आनंद कुमार ने प्रथम किस्त 25 हजार रुपए मंगाए। बुधवार को पुष्पराज 25 हजार रुपए लेकर लोकायुक्त कार्यालय पहुंचा था। इसी दिन लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप लगाया।
आनंद कुमार अहिरवार इंदौर से सोनकच्छ रोजाना आना-जाना करते हैं। आनंद ने सोनकच्छ से इंदौर जाने वाले रास्ते पर अपनी गाड़ी खड़ी की और पुष्पराज राजपूत को बुलवाया। वहां से रुपए लेकर तेज रफ्तार में गाड़ी लेकर इंदौर के लिए निकले।
22 मार्च को हुई थी अफसर की शिकायत 22 मार्च को पुष्पराज राजपूत ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा से शिकायत की। जांच में शिकायत सही पाई गई। आरोपी अधिकारी आनंद अहिरवार ने पहली किस्त के रूप में 25 हजार रुपए लेना तय किया।
Leave a Reply