Mp highcourt ने जुडा को लगाई फटकार कहा, जान जा रही होगी तो दो दिन बाद दवाई देंगे क्या?

Mp highcourt बोला- डॉक्टर हड़ताल खत्म करें
Spread the love

Mp highcourt ने जूनियर डॉक्टर्स को हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है।

Mp highcourt ने कहा कि 20 अगस्त तक अपनी हड़ताल वापस लें। इससे पहले एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सर्राफ की बेंच ने कहा कि हड़ताल का ये तरीका कतई ठीक नहीं है। अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे? हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की काम पर लौटने की सलाह दी है।

Table of Contents

इससे पहले मध्यप्रदेश के शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने कहा, हम चाहते हें कि देश में समान कानून बने। Mp highcourt को लेकर हम आश्चर्यचकित हैं। हाईकोर्ट क्या चाहता है, हम पिट जाएं, मर जाएं। हमारे अधिकार नहीं हैं। मेरा कहना है कि हमें अपनी सुरक्षा और साथियों की सुरक्षा के लिए आंदोलन का अधिकार है। ऐसे में Mp highcourt मारी बात को समझे।

Mp highcourt कोर्ट रूम LIVE…

जूनियर डॉक्टरों की ओर से एडवोकेट महेंद्र पटेरिया ने पैरवी की। वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट संजय अग्रवाल ने जिरह की।

जूडा के वकील- डॉक्टर्स को तो इन्होंने पार्टी ही नहीं बनाया। जूडा को पार्टी बनाया है।
जज- आप नंबर 3 की तरफ से हैं। स्ट्राइक वापस लीजिए।

जूडा के वकील- हमारे स्ट्राइक पर जाने से फर्क नहीं पड़ रहा। फिलहाल ऑपरेशन, कैजुअल्टी सब चालू है। ये तो सिर्फ स्टूडेंट हैं। उन्हें ही पार्टी बनाया है।
जज- अगर इनके हड़ताल पर जाने से फर्क नहीं पड़ता, तो हड़ताल पर क्यों हैं। विरोध के और भी तरीके हैं। उनको बोलिए कि सफेद कोर्ट के ऊपर काली पट्‌टी बांध सकते हैं।

bhopal news: बहनों को सरकार ने दिया रक्षाबंधन का गिफ्ट

जूडा के वकील- हमें एक कॉपी दे दें। मंगलवार को रख लेते हैं।
जज- मिस्टर पटेरिया, अगर किसी की जान निकल गई होगी ना तो उसको बोलिए कि दो दिन का समय दीजिए। आपको दवाई बाद में दूंगा मैं।

जूडा के वकील- साहब, सब सेवाएं चालू हैं। ऑपरेशन चालू है।
जज- कह दीजिए कि कोई काम नहीं रुकेंगे। हम आपको टाइम दे देंगे।

जूडा के वकील- जो काम करने वाले हैं, उन्हें तो पार्टी ही नहीं बनाया।
जज- हड़ताल की कॉल किसने दी, उन्होंने तो नहीं दी। आपने दी है।

जूडा के वकील- हम तो साहब स्टूडेंट हैं। पढ़ने वाले हैं। छात्र संगठन हैं।
जज- तो फिर हड़ताल की कॉल किसलिए दी? पेशेंट को कहिएगा कि अभी आप मरे नहीं हैं। दो दिन इंतजार करिए। हम जवाब फाइल कर दें, इसके बाद मरिएगा। ऐसा हो सकता है क्या? ऐसा कैसे कर सकते हैं आप?

mp highcourt :कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को बड़ा झटका,65 लाख का लोन छिपाने का आरोप

जूडा के वकील- 20 लोगों का डेलिगेशन है, जो इस स्ट्राइक को कर रहे हैं। बाकी सभी स्टूडेंट पढ़ रहे हैं। कॉलेज जा रहे हैं।
जजMp highcourt– आप कैसे ऐसे कॉल दे सकते हैं हड़ताल के लिए। क्या मरीज इंतजार करेगा कि कोर्ट से फैसला आएगा, फिर हम अपनी जान देंगे।

जूडा के वकील- ऐसा नहीं है। हमें एक कॉपी दे दें। हम उसका रिप्लाई दे देते हैं।

Mp highcourt जज- आप काम पर वापस जाइए, उसके बाद देखेंगे। सोमवार को रख लेंगे। आपको जवाब फाइल करना है, जो करिए। कॉपी आपको मिल जाएगी, लेकिन काम पर वापस जाइए। अपनी हड़ताल सस्पेंड करिए तीन दिन के लिए। उसके बाद देखते हैं। वैसे, ये हर नागरिक का मुद्दा है, तो क्या हर नागरिक हड़ताल पर चला जाए। और भी तरीके हैं। आप उनको समझाइए। कानूनी तरीके लीजिए।

जूडा के वकील- ये लोग तो सिर्फ स्टूडेंट आर्गनाइजेशन हैं। कुछ पीजी कर रहे हैं, कुछ स्टूडेंट हैं। इनका मिलाकर एसोसिएशन है। ये परमानेंट डॉक्टर नहीं हैं। डॉक्टर तो काम कर ही रहे हैं। ये तो सिर्फ असिस्ट करते हैं। अभी तो ये डॉक्टर बनेंगे।
जज- पटेरिया जी, असिस्टेंस जो देता है, उसका भी रोल होता है।

जूडा के वकील- एक कॉपी दे दें, तो स्टडी कर लें कि क्या लिखा है इन्होंने।

Mp highcourtजज- आप उनसे बात करें। उनको बोलिए कि काम पर जाएं। जवाब दाखिल करना है, करें, सोमवार को देख लेंगे। अभी फिलहाल आप काम पर वापस जाएं। उन्हें बोलिए कि अदालत जो भी समस्या होगी, उसे सुनेगी। जो भी तकलीफ है, जो भी तरीका है, कोई रास्ता निकालेंगे।

हम सब परेशान हैं इससे। हम सबका दिल दुखता है, लेकिन काम राेकने से हल नहीं निकलेगा। पुलिस वाले भी हड़ताल पर चले जाएं, हम भी हड़ताल पर चले जाएं, क्या होगा काम का।

हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़े

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *