फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाला: रतलाम समेत पूरे प्रदेश में अवैध धांधली का पर्दाफाश

फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाला का पर्दाफाश
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फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाला का पर्दाफाश: कैसे फर्जी तरीके से अपात्र लोग भी 5 लाख तक मुफ्त इलाज का लाभ ले रहे हैं? रतलाम समेत पूरे प्रदेश में धांधली का खुलासा।

मध्य प्रदेश में फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाला सामने आया है आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिए आवश्यक आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया में बड़ा घोटाला सामने आया है। सरकारी नियमों और पात्रता सूची की अनदेखी कर कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से अपात्र व्यक्तियों को भी 2500 से 4000 रुपए तक की कीमत में फर्जी कार्ड जारी किए जा रहे हैं। यह पूरी प्रक्रिया मात्र 5 से 7 दिनों के भीतर पूरी हो रही है, जिससे घोटाले के व्यापक होने की संभावना प्रबल हो गई है।

फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाला का पर्दाफाश

फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाला का पर्दाफाश

पत्रकार ने खुद कराया फर्जी कार्ड बनवाने का परीक्षण

इस फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाला का पर्दाफाश करने के लिए भास्कर के एक रिपोर्टर ने 2500 रुपए देकर खुद को अपात्र होते हुए भी आयुष्मान कार्ड बनवाया। इसके बाद उन्होंने इसे आरोग्यम अस्पताल में सत्यापित कराया, जहां हेल्प डेस्क पर बैठी अंजलि ने ऑनलाइन जांच के बाद इसे अप्रूव कर दिया।

कौन पात्र है और कौन अपात्र?

सरकारी नियमों के अनुसार, आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत सिर्फ निम्नलिखित व्यक्तियों को ही योजना का लाभ मिल सकता है:

  • जनगणना सूची में शामिल पात्र परिवार
  • संबल योजना के लाभार्थी
  • राशन पर्ची धारक गरीब परिवार
  • आशा और उषा कार्यकर्ता
  • भवन निर्माण श्रमिक

लेकिन इस घोटाले के तहत अपात्र लोगों को भी आसानी से कार्ड मुहैया कराया जा रहा है।

पिछले 30 दिनों में बने 3.56 लाख नए कार्ड

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रतलाम जिले में 10.01 लाख लोगों के नाम पात्रता सूची में हैं, जबकि पूरे मध्य प्रदेश में 4.70 करोड़ लोग इस योजना में पात्र माने गए हैं। 5 फरवरी तक रतलाम में 9.12 लाख और पूरे प्रदेश में 4.23 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं। पिछले 30 दिनों में ही 3.56 लाख नए कार्ड बनाए गए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में फर्जी कार्ड होने की आशंका है।

कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) वाले क्या कह रहे हैं?

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“गारंटी के साथ बनेगा कार्ड, कोई दिक्कत नहीं”

लक्कड़पीठा स्थित राधे ऑनलाइन सेंटर पर मौजूद राहुल सांकला से जब भास्कर रिपोर्टर ने आयुष्मान कार्ड बनवाने की बात कही तो उसने स्पष्ट रूप से कहा कि कार्ड बन जाएगा, भले ही पात्रता सूची में नाम न हो। उसने कहा कि समग्र आईडी के जरिए नाम जुड़वा सकते हैं और फिर आधार कार्ड और फोटो देकर प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इसके बदले में उसने 4000 रुपए की मांग की और पूरे परिवार के लिए कार्ड बनवाने की गारंटी दी।

भोपाल में बैठा ग्वालियर का व्यक्ति सीधे कर देता है पात्र

दीनदयाल नगर के एक कियोस्क संचालक ने बताया कि भोपाल के आयुष्मान विभाग में एक व्यक्ति बैठा है, जो ग्वालियर से संबंधित है। जब भी अपात्र व्यक्ति को कार्ड बनवाना होता है, तो कियोस्क संचालक उसे फोन पर समग्र आईडी भेजते हैं और वह व्यक्ति सीधे उस आईडी को पात्र बना देता है। इस व्यक्ति की पहचान किसी को नहीं है और उसका फोन नंबर भी लगातार बदलता रहता है।

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सरकार की प्रतिक्रिया: कार्रवाई का आश्वासन

इस फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाला का पर्दाफाश मामले पर जब मध्य प्रदेश आयुष्मान भारत योजना के सीईओ डॉ. योगेश भरसट से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पात्रता के बिना कार्ड बनाना संभव नहीं होना चाहिए। लेकिन अगर इस तरह की अनियमितताओं की जानकारी मिल रही है, तो इसकी गहन जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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