Shivraj Singh पर 10 करोड़ का केस,सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

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शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh) के खिलाफ विवेक तन्खा के 10 करोड़ मानहानि मामले पर बड़ा फैसला.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh) के खिलाफ कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा द्वारा दायर 10 करोड़ रुपये की मानहानि याचिका सुर्खियों में है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होनी है। इससे पहले हाईकोर्ट ने मानहानि केस को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

Shivraj Singh पर 10 करोड़ का केस,सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

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मामले की पृष्ठभूमि

यह विवाद 2021 के मध्यप्रदेश पंचायत चुनावों से जुड़ा है। भाजपा नेताओं, जिनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh), भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह शामिल थे, ने कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा पर ओबीसी आरक्षण के विरोध का आरोप लगाया था। इसके बाद तन्खा ने इन तीनों नेताओं पर 10 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा करते हुए जबलपुर जिला अदालत में मामला दर्ज कराया।

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जनवरी 2024 में जबलपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 के तहत मानहानि का मामला दर्ज किया था और भाजपा नेताओं को तलब किया था।

क्या है विवेक तन्खा का आरोप?

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा का आरोप है कि भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ झूठे और मानहानिकारक बयान देकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की। उनका दावा है कि भाजपा ने यह अभियान राजनीतिक लाभ लेने के लिए चलाया था।

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शिवराज सिंह चौहान की सफाई

शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh) और अन्य भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को निराधार बताया है। भाजपा की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने अदालत में दलील दी कि जिस बयान को लेकर मानहानि का दावा किया गया है, वह विधानसभा के भीतर दिया गया था और संविधान के अनुच्छेद 194 (2) के तहत किसी भी कानूनी कार्यवाही से सुरक्षित है।

सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?

19 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh) और अन्य भाजपा नेताओं को अधीनस्थ अदालत के समक्ष व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी थी। हालांकि, कोर्ट ने भाजपा नेताओं की उस अपील पर कोई अंतिम फैसला नहीं दिया, जिसमें मानहानि के इस मामले को खारिज करने की मांग की गई थी।

Shivraj Singh पर 10 करोड़ का केस,सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

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आज की सुनवाई क्यों अहम?

आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई इस बात पर केंद्रित होगी कि क्या मानहानि का यह मामला बरकरार रहेगा या इसे खारिज किया जाएगा। शिवराज सिंह चौहान की ओर से इस केस को रद्द करने की याचिका दायर की गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने 25 अक्टूबर 2023 को खारिज कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि हाईकोर्ट का फैसला सही था या नहीं।

कौन कर रहा है पैरवी?

इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से देश के बड़े वकील अदालत में पेश हो रहे हैं:

  • शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी पैरवी कर रहे हैं।

  • विवेक तन्खा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी कोर्ट में पक्ष रखेंगे।

हाईकोर्ट ने क्यों किया था याचिका खारिज?

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 25 अक्टूबर 2023 को भाजपा नेताओं द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें मानहानि केस को रद्द करने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया यह मामला मानहानि के तहत आता है और अधीनस्थ अदालत को इस पर सुनवाई का अधिकार है।

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क्या कहता है कानून?

भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला बयान देता है, तो इसे आपराधिक मानहानि माना जा सकता है। इसमें दोषी पाए जाने पर 2 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

बीजेपी नेताओं की दलील

शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh) और अन्य भाजपा नेताओं ने अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा है कि विवेक तन्खा ने 2021 में सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को रोकने के लिए याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी की थी। इसी के आधार पर उन्होंने यह बयान दिया था कि तन्खा ओबीसी आरक्षण के विरोधी हैं।

क्या हो सकते हैं संभावित परिणाम?

  1. यदि सुप्रीम कोर्ट भाजपा नेताओं की याचिका स्वीकार करता है – तो मानहानि का मामला समाप्त हो जाएगा और शिवराज सिंह चौहान व अन्य नेताओं को राहत मिलेगी।

  1. यदि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखता है – तो मामले की सुनवाई जबलपुर जिला अदालत में जारी रहेगी, जिससे शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh) और अन्य भाजपा नेताओं को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

  2. समझौते की संभावना – यदि दोनों पक्ष अदालत के बाहर समझौता करने के लिए सहमत होते हैं, तो मामला खत्म हो सकता है।

राजनीतिक प्रभाव

यह मामला सिर्फ कानूनी ही नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है।

  • यदि सुप्रीम कोर्ट तन्खा के पक्ष में फैसला देता है, तो कांग्रेस को भाजपा पर हमला करने का एक बड़ा मुद्दा मिलेगा।

  • वहीं, अगर शिवराज सिंह चौहान  (Shivraj Singh) को राहत मिलती है, तो भाजपा इसे कांग्रेस द्वारा की गई ‘झूठी कानूनी साजिश’ करार दे सकती है।

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