पश्चिम बंगाल विधानसभा में anti rape bill हुआ पास,नए कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी।
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को anti rape bill ‘अपराजिता’ महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) बिल 2024 पास किया, जो राज्य में रेप और यौन शोषण के मामलों में सख्त कानून लाने का उद्देश्य रखता है। नए कानून के तहत, रेप के मामलों की जांच 21 दिन में पूरी की जानी अनिवार्य होगी। इसके अलावा, यदि पीड़ित की मौत हो जाती है या वह कोमा में चली जाती है, तो दोषी को 10 दिन के भीतर फांसी की सजा दी जाएगी।
यह anti rape bill अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, और उनके साइन के बाद यह कानून बन जाएगा। ममता बनर्जी सरकार ने इस anti rape bill के तहत राज्य में रेप जैसे गंभीर अपराधों के लिए कठोरतम दंड का प्रावधान किया है। इसके लिए 2 सितंबर से दो दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था, जिसमें कानून मंत्री मलय घटक ने इस बिल को विधानसभा में पेश किया।
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर के बाद देशभर में डॉक्टरों और राजनीतिक दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि वह राज्य में रेप जैसे अपराधों के लिए सख्त कानून anti rape bill लाएंगी।
इस anti rape bill से जुड़े 9 प्रमुख सवाल और उनके जवाब निम्नलिखित हैं:
1. बिल का नाम और उद्देश्य:
बिल का नाम ‘अपराजिता वुमन एंड चाइल्ड बिल 2024’ रखा गया है। इसका उद्देश्य रेप और यौन शोषण के मामलों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को बढ़ाना है।
2. दोषी को फांसी कब दी जाएगी?
यदि रेप के दौरान पीड़ित की मौत हो जाती है या वह कोमा में चली जाती है, तो दोषी को 10 दिन में फांसी दी जाएगी।
3. उम्रकैद की सजा का प्रावधान:
रेप-गैंगरेप के दोषी को उम्रकैद की सजा दी जाएगी, जिसमें दोषी को पूरी जिंदगी जेल में रहना होगा। पैरोल का प्रावधान नहीं होगा।
4. बिल में कौन-कौन सी धाराओं में बदलाव किया गया है?
anti rape bill में भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न सेक्शनों में बदलाव का प्रस्ताव है, जो मुख्य रूप से रेप, गैंगरेप, और रेप-मर्डर जैसे गंभीर अपराधों से जुड़े हैं।
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5. रेप-मर्डर और गैंगरेप की जांच:
anti rape bill के अनुसार, रेप के मामलों की जांच 21 दिन के भीतर पूरी होनी चाहिए। इसे 15 दिन तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति आवश्यक होगी।
6. आदतन अपराधियों के लिए प्रावधान:
आदतन अपराधियों के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान है, जिसमें दोषी को जीवनभर जेल में रहना होगा।
7. स्पेशल टीम का गठन:
जिला स्तर पर ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ का गठन किया जाएगा, जिसकी अगुआई DSP करेंगे। यह टास्क फोर्स नए प्रावधानों के तहत मामलों की जांच के लिए जिम्मेदार होगी।
8. पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने के लिए प्रावधान:
स्पेशल कोर्ट और स्पेशल जांच टीमों का गठन किया जाएगा, जो पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने और ट्रॉमा को कम करने के लिए काम करेंगी।
9. मीडिया रिपोर्टिंग के लिए नए नियम:
रेप केस की कोर्ट कार्यवाही को प्रिंट या पब्लिश करने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य होगा, अन्यथा 3 से 5 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में ‘अपराजिता’ anti rape bill पास। 21 दिन में रेप केस की जांच पूरी होगी और पीड़ित की मौत या कोमा पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा। ममता सरकार का सख्त कदम।
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