Supreme Court मे सुनवाई जारी,बंगाल सरकार के वकील बोले- रेप की धमकियां मिल रहीं
Supreme Court विकिपीडिया को नाम और तस्वीर हटाने का आदेश
Supreme Court में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को हुए डॉक्टर रेप-मर्डर केस की सुनवाई जारी है। कोर्ट ने विकिपीडिया को निर्देश दिया है कि मृत डॉक्टर का नाम और तस्वीर वेबसाइट से हटा दी जाए। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि रेप पीड़ित की पहचान को उजागर नहीं किया जाना चाहिए।
विकिपीडिया की ओर से कहा गया कि वह अपनी सामग्री सेंसर नहीं कर सकती। इस पर कोर्ट ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा कि इस तरह की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए।
सोशल मीडिया और लाइव स्ट्रीमिंग पर बहस
इस केस में पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से इस सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की अपील की। उन्होंने बताया कि जो वकील बंगाल सरकार का पक्ष रख रहे हैं, उन्हें सोशल मीडिया पर रेप और एसिड अटैक की धमकियां मिल रही हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग एक जनहित का मुद्दा है और इसे बंद नहीं किया जाएगा। अगर किसी को धमकी मिल रही है, तो उसके खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे।
पिछले निर्देशों का पालन
Supreme Court ने 9 सितंबर को इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान चार महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों के तहत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से पीड़ित की तस्वीर हटाने का आदेश दिया गया था। इसके साथ ही, कोर्ट ने हड़ताल पर गए डॉक्टरों को तुरंत काम पर लौटने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से भी इस मामले में नई स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।
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CBI जांच में प्रगति और विकिपीडिया की भूमिका
Supreme Courtने कहा कि CBI को जांच पूरी करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए, और वह इसे गंभीरता से ले रही है। इस बीच, सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि विकिपीडिया अभी भी पीड़ित का नाम और फोटो नहीं हटा रहा है। इस पर Supreme Court ने विकिपीडिया को सख्त आदेश दिया है कि इसे तुरंत हटाया जाए। विकिपीडिया की दलील को कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि यह सेंसरिंग नहीं है, बल्कि संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक करने से रोकने का आदेश है।
CCTV फुटेज और पुलिस की भूमिका पर सवाल
कोलकाता पुलिस ने कोर्ट को 27 मिनट की CCTV फुटेज सौंपी थी, लेकिन डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने पूरी फुटेज नहीं मिलने की शिकायत की। कोर्ट ने CBI को निर्देश दिया कि पूरी DVR और फुटेज जब्त की जाए। कोर्ट ने इस मामले में कोलकाता पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। इससे पहले CBI ने भी कोर्ट में कहा था कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है, जिससे जांच पर संदेह की स्थिति पैदा हो रही है।
डॉक्टरों का प्रदर्शन और ममता सरकार की प्रतिक्रिया
कोलकाता में डॉक्टरों का प्रदर्शन 39वें दिन में प्रवेश कर चुका है। ममता बनर्जी सरकार ने डॉक्टरों से मुलाकात की और उनकी पांच में से तीन मांगों को मानने का आश्वासन दिया है। इसमें कोलकाता पुलिस कमिश्नर और हेल्थ सर्विस डायरेक्टर सहित कई उच्च अधिकारियों को हटाने की बात भी कही गई है। हालांकि, डॉक्टर अभी भी हड़ताल पर डटे हुए हैं।
कोर्ट के अन्य निर्देश और CISF जवानों की सुरक्षा
Supreme Court ने राज्य सरकार को 9 सितंबर की सुनवाई में कुछ दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया था, जो गायब हैं। CBI की जांच रिपोर्ट में FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी की बात सामने आई थी। कोर्ट ने CISF जवानों की सुरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उन्हें रहने के लिए उचित आवास और सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए जाएं। ये जवान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं।
Supreme Court रूम लाइव: मुख्य न्यायाधीश के महत्वपूर्ण बयान
सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें CBI को पर्याप्त समय देना होगा ताकि वे अपनी जांच पूरी कर सकें। डॉक्टरों के वकीलों ने कहा कि क्राइम सीन पर कई लोग मौजूद थे, जिनके नाम सीलबंद कवर में CBI को सौंपे जाएंगे। कोर्ट ने इस मामले में सावधानी बरतते हुए कहा कि मृतक के पिता की चिंताओं को गंभीरता से लिया जा रहा है, लेकिन उनकी गोपनीयता को बनाए रखा जाएगा।
निष्कर्ष:
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में Supreme Court ने विकिपीडिया को पीड़ित का नाम और तस्वीर हटाने का सख्त निर्देश दिया है। कोर्ट की सुनवाई में CBI की जांच पर जोर दिया जा रहा है, जबकि डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। ममता बनर्जी सरकार ने प्रदर्शनकारियों की कुछ मांगें मानी हैं, लेकिन हड़ताल का अंत अभी तक नहीं हुआ है।
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