बच्चा चाहिए तो हमारे पास है..बच्चों की बिक्री करने मजबूर हुआ गरीब.?
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर खंडवा में हो रही बच्चों की बिक्री के बारे में अवगत करवाया है यह मामला कितना गंभीर है इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है की 25000 रुपए में बच्चों को बेच दिया जाता है जीतू पटवारी ने इस तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया है साथ ही अनुरोध किया है की जल्द से जल्द इस मामले में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तलब किया जाए
यहां मिलते हैं 25 हजार रूपए में बच्चे
बच्चों की बिक्री मामलें में पटवारी ने पीएम मोदी के नाम पत्र में लिखा- महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के कांचनवाड़ी क्षेत्र में बच्चे बिकाऊ हैं! कीमत भी केवल 25 हजार रुपए। ये सभी बच्चे मप्र के खंडवा जिले से मजदूरी करने महाराष्ट्र गए आदिवासी परिवारों के हैं। ज्यादा पैसे के लिए खंडवा के मूंदी क्षेत्र के 11 गांवों के आदिवासी परिवार सहित महाराष्ट्र और गुजरात का रुख कर तो रहे हैं, लेकिन तंगहाली ऐसी है कि इन्हें अपने बच्चे तक बेचने पड़ रहे हैं।
महाराष्ट्र में हो रहा आदिवासियों के बच्चों का सौदा
महज 25000 रुपए में अपने बच्चों को बेचने को मजबूर आदिवासी परिवार अब इस परंपरा का नाम दे चुका है यह एक परिवार का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के कई ऐसे आदिवासी परिवार हैं जो महाराष्ट्र में रोजगार ढूंढने के लिए गए थे लेकिन काम न मिलने पर कई मजदूर परिवार भीख मांग कर अपना काम चला रहे हैं मजबूरी में अपने बच्चों को तक इन्हें बेचना पड़ रहा है ताकि उनका पालन पोषण अच्छे से हो सके जिसे अब इन परिवारों ने परंपरा का नाम दे दिया है
https://x.com/jitupatwari/status/1824293279849951277
बातचीत में यह बच्चा खरीदने बेचने जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते लेकिन कहते हैं कि बच्चा चाहिए तो हमारे पास है यह मामला सामने आने के बाद यह जरूर पता चला है कि सभी सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ चुकी हैं सवाल गरीबों को निशुल्क राशन की व्यवस्था पर भी अब खड़ा हो गया है
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एमपी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को किया जाए तलब
मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सामने आया बच्चों की बिक्री का यह सनसनीखेज सच मध्यप्रदेश के साथ महाराष्ट्र सरकार की नीति, नियम और नीयत पर भी गंभीर सवाल उठा रहा है। करोड़ों का कर्ज लेकर मध्यप्रदेश सरकार केवल अपनी लग्जरी पर खर्च कर रही है और बचा हुआ पैसा भ्रष्टाचार की योजनाओं में भ्रष्ट तंत्र की तिजोरी भर रहा है। चिंताजनक पहलू यह भी है कि लाल किले की प्राचीर से जब आप भाजपा सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे थे, ठीक तभी गरीबी में गर्त तक डूबे परिवार अपनी सरकारी उपेक्षा का उत्तर मांग रहे थे। केंद्र सरकार मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तत्काल तलब करे और बच्चों की बिक्री मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे
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