मजदूर लौटे तो काम कौन करेगा,रेलवे से स्पेशल ट्रेनें रद्द करने की माँग.

मजदूर लौटे तो काम कौन करेगा,रेलवे से स्पेशल ट्रेनें रद्द करने की माँग.

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कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु से चलाई जाने वाली विशेष श्रमिक ट्रेनें रद्द कर दी हैं। इनसे मजदूर अपने-अपने राज्यों को लौटने वाले थे। ट्रेनें रद्द करने का फैसला मुख्यमंत्री बीएस येद्दीयुरप्पा और  बिल्डर्स की बैठक मंगलवार को हुई बैठक के बाद लिया गया। इसमें बिल्डराें ने मुख्यमंत्री से मजदूरों को उनके राज्य जाने से रोकने की मांग की थी। बिल्डर्स के मुताबिक, अगर मजदूर लौट जाएंगे तो कंस्ट्रक्शन के काम में दिक्कत होगी। इसके बाद सरकार ने रेलवे को विशेष ट्रेन चलाने के लिए रेलवे से किया गया अनुरोध वापस ले लिया।

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राज्य सरकार ने लॉकडाउन की शर्तों में राहत दी है। भवन निर्माण समेत कुछ अन्य व्यापारिक गतिविधियों को मंजूरी दी है। मजदूरों की कमी होने से इन उद्योगों से जुड़े काम प्रभावित होंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि वे मजदूरों को राज्य छोड़ कर नहीं जाने के लिए समझाएं।

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पहले हर दिन तीन ट्रेन चलाने का अनुरोध किया गया था
दो दिन पहले ही राज्य सरकार ने रेलवे से पांच दिनों तक हर रोज तीन ट्रेनों की व्यवस्था करने को कहा था। ये ट्रेनें बिहार के दानापुर जानी थीं। हालांकि, मंगलवार देर रात राज्यों के बीच यात्रा के लिए कर्नाटक सरकार के नोडल अधिकार एन मंजुनाथ प्रसाद ने दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्ल्यूआर) को स्पेशल ट्रेनें न चलाने के लिए चिट्‌ठी लिखी। इसमें लिखा गया था- बुधवार से विशेष ट्रेनों की जरूरत नहीं है।

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हम इसके लिए पहले किया गया अपना अनुरोध वापस लेते हैं। एसडब्ल्यूआर के अधिकारियों ने भी राज्य सरकार से ट्रेनों को रद्द करने के लिए चिट्‌ठी मिलने की पुष्टि की है।

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मजदूरों ने सोमवार को प्रदर्शन किया था
बेंगलुरु में काम करने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मजदूरों ने बीत सोमवार को प्रदर्शन किया था। इन लोगों से सरकार से मांग की थी उन्हें अपने गृह राज्य भेजा जाए। इस दौरान कुछ मजदूरों ने तोड़फोड़ और पुलिसकर्मियों से हाथापाई भी की थी। इसके बाद कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने बेंगलुरु इंटरनेशनलन एक्जिबिशन सेंटर जाकर इनसे मुलाकात की। ज्यादातर मजदूरों का कहना था वे इस कैंप में नहीं चाहते। वहां संक्रमण का खतरा है। कुछ मजदूरों का यह भी कहना था कि अगर उनके परिवार के साथ कुछ अनहोनी होती है तो उन्हें कौन संभालेगा। मंत्री ने मजदूरों को मदद का भरोसा दिलाया था।

 

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