विश्व चैम्पियनशिप में पंघाल ने किया शानदार सफर, रजत पदक जीतने वाले बनें पहले भारतीय..

    Share this News

    एकातेरिनबर्ग. भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल का पुरूष विश्व चैम्पियनशिप में शानदार सफर रजत पदक के साथ समाप्त हुआ जिन्हें शनिवार को 52 किग्रा वर्ग के फाइनल में ओलंपिक चैम्पियन उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से 0-5 से हार मिली। हालांकि भारतीय मुक्केबाज 0-5 के स्कोर से हारा लेकिन उन्होंने अपने से कहीं मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कड़ी चुनौती पेश की। दूसरे वरीय पंघाल इस तरह विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बन गये हैं और देश ने इस बार दो पदक से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी किया। मनीष कौशिक (63 किग्रा) ने सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक हासिल किया था।

    नीति आयोग: सुस्ती के बावजूद अगले पांच साल में होगी दोगुनी प्रति व्यक्ति आय..

    भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि
    पंघाल ने फिर से अपने से लंबे और ताकतवर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन उनके पंच सीधे संपर्क में नहीं आ सके जिससे उन्हें कम अंक मिले। एशियाई खेलों और एशियाई चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदकधारी की यह ऐतिहासिक उपलब्धि है। भारत ने कभी भी विश्व चैम्पियनशिप के एक चरण में एक से ज्यादा कांस्य पदक हासिल नहीं किये थे। इससे पहले विजेंदर सिंह (2009), विकास कृष्ण (2011), शिव थापा (2015) और गौरव बिधुड़ी (2017) ने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक हासिल किये थे।

    Howdy Modi: जर्मनी के फ्रेंकफर्ट में पीएम मोदी का टेक्निकल हॉल्ट, दो घंटे के बाद होंगे यूएस रवाना..

    2017 से रहा है शानदार सफर
    भारतीय मुक्केबाजी में पंघाल के ऊपर चढ़ने का ग्राफ शानदार रहा है जिसकी शुरूआत 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में 49 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक से हुई थी। रोहतक का यह मुक्कबाज इसी साल विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण करते हुए क्वार्टरफाइनल तक पहुंचा था। फिर उसने बुल्गारिया में प्रतिष्ठित स्ट्रांदजा मेमोरियल में लगातार स्वर्ण पदक हासिल किये और फिर वह 2018 में एशियाई चैम्पियन बना। इस साल उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप का स्वर्ण अपने नाम कर किया और फिर 49 किग्रा के ओलंपिक कार्यक्रम से हटने के बाद 52 किग्रा में खेलने का फैसला किया।

    https://youtu.be/YSBQUlbnLwo