मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी सीबीआई के चीफ होंगे

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    ऋषि कुमार शुक्ला 1983 के आईपीएस अधिकारी हैं शुक्ला पूर्व में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार मैं 2016 में डीजीपी थे मध्य प्रदेश में भी डीजेपी समेत कई पदों पर रह चुके हैं शुक्ला के नाम पर सिलेक्शन कमेटी ने मुहर लगाइए इस कमेटी में 3 लोग रहते हैं एक सुप्रीम कोर्ट का जज दूसरा पीएम और तीसरा विपक्षी दल का नेता होते हैं सीबीआई की इस रेस में 1983 1984 और 1985 बैच के करीब 80 आईपीएस अफसरों के बीच शुक्ला ने बाजी मारी है

    पिछले दिनों सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना के बीच हुए मतभेद के चलते उन्हें हटाया गया था

    बीते पांच दिन पहले ही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने ऋषि कुमार शुक्ला को डीजीपी पद से हटा दिया था. यूं तो कांग्रेस की सरकार बनते के बाद ही उनकी विदाई की अटकलें लगने लगीं थीं, मगर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीते 29 जनवरी को उन्हें डीजीपी पद से हटाकर जहां दोबारा पुलिस हाउसिंग बोर्ड में भेज दिया, वहीं उनकी जगह वीके सिंह को मध्य प्रदेश का नया डीजीपी बनाया था.नई सरकार बनने के बाद सियासी गलियारे में चर्चा रही कि कमलनाथ और डीजीपी शुक्ला के बीच पट नहीं रही थी. दूसरी प्रमुख बात थी कि शुक्ला को शिवराज सिंह चौहान का बेहद करीबी आईपीएस अफसर माना जाता है. ऐसे में कांग्रेस नेताओं के निशाने पर वह काफी पहले से थे

    डीजीपी पद से क्यों हटाए गए थे शुक्ला!

    हालांकि डीजीपी पद से शुक्ला की विदाई के पीछे कांग्रेस आइटी सेल से जुड़े एक युवक की गिरफ्तारी को भी वजह बताया जाता है. जब बीते 24 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने मध्य प्रदेश पहुंचकर अभिषेक मिश्रा नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद कांग्रेस नेता भड़क उठे थे. खुद गृहमंत्रि बाला बच्चन ने इस पर हंगामा खड़ा करते हुए कहा था कि बगैर मध्य प्रदेश पुलिस को सूचित किए कैसे दिल्ली की पुलिस यहां आकर किसी को गिरफ्तार कर सकती है. सूत्र बताते हैं कि उस वक्त सीएम कमलनाथ इस बात पर नाराज हुए थे कि सूबे में दिल्ली पुलिस घुस रही है और कैसे मध्य प्रदेश पुलिस को रंचमात्र भनक भी नहीं लग रही. एमपी पुलिस के इंटेलीजेंस पर भी सवाल खड़े हुए थे. सूत्र बता रहे हैं कि इस घटना के बाद से कमलनाथ ने शुक्ला को हटाने का पूरा मन बना लिया. अभिषेक की गिरफ्तारी के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर गिरफ्तारी के तरीके को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन बताते हुए नाराजगी जताई थी

    @chandan_bunkar