हर राज्य में अलग है गठबंधन का गणित

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    दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और नार्थ-ईस्ट के कुछ राज्यों में मुख्य मुकाबला तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है, लेकिन स्थानीय दल इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं.

    लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद देश में गठबंधनों की तस्वीर करीब-करीब साफ हो गई है. कई राज्यों में गठबंधन में सीटों को लेकर भले ही अंतिम फैसला न हो पाया हो, लेकिन कौन किसके साथ होगा ये साफ हो गया है. कांग्रेस दिल्ली और उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन को लेकर मना कर चुकी है, लेकिन कई मोर्चे पर गठबंधन की कोशिश की खबरें अभी भी आ रही हैं. देश भर में लोकसभा चुनाव की जो तस्वीर दिख रही है उसमेंएनडीए का कुनबा यूपीए से बड़ा दिख रहा है और ज्यादातर राज्यों में एडीए का सीधा मुकाबला यूपीए, कांग्रेस या किसी तीसरे गठबंधन से है.

    8 राज्य की 116 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर
    मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, गोवा उत्तराखंड, असम ये आठ ऐसे राज्य हैं, जहां कांग्रेस और बीजेपी में आमने-सामने की टक्कर है. इसके साथ केंद्रशासित प्रदेशों में भी बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है. केंद्रशासित प्रदेशों की 6 लोकसभा सीटों को जोड़ लें तो सीटों की संख्या 122 पहुंच जाती है,

    बीजेपी बनाम कांग्रेस की ये लड़ाई लोकसभा की एक चौथाई सीटों से कम पर ही आमने-सामने दिख रही है.

    5 राज्य, 169 सीटों पर एनडीए बनाम यूपीए मुकाबला
    महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, बिहार और झारखंड ये पांच राज्य हैं, जहां एनडीए बनाम यूपीए मुकबला है. महाराष्ट्र में जहां बीजेपी शिवसेना साथ है, वहीं काग्रेस एनसीपी के साथ है, तमिलनाडू में कांग्रेस डीएमके साथ है तो बीजेपी एआईएडीएमके के साथ बिहार और झारखंड में यूपीए में जहां आरेजेडी, आरएलएसपी, जेएमएम जैसे दल हैं. वहीं एनडीए में जेडीयू-एलजेपी जैसा राजनीतिक पार्टियां हैं, यानी इन 169 सीटों पर भी मुकबला आमने-सामने हैं.

    अन्य राज्यों में त्रिकोणीय मुकाबला
    दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और नार्थ-ईस्ट के कुछ राज्यों में मुख्य मुकाबला तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है, लेकिन स्थानीय दल इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. दिल्ली और पंजाब में जहां आम आदमी पार्टी तीसरी ताकत के रूप में उभरने की कोशिश में लगी है.

    वहीं जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेस और पीडीपी, कांग्रेस और बीजेपी को बराबर की टक्कर दे रहे हैं.
    उत्तर प्रेदश में भी मुख्य मुकाबला बीजेपी और एसपी-बीएसपी गठबंधन में हैं, लेकिन करीब आधी सीटों पर कांग्रेस इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है. इसी तरह पश्चिम बंगाल में सारे राजीनितक दल टीएमसी से ही लड़ रहे हैं. अलग-अलग सीटों पर टीएमसी का मुकाबला अलग-अलग दलों से है और कुछ सीटों पर लड़ाई त्रिकोणीय है. ओडिशा में बीजू जनता दल का माकबला बीजेपी और कांग्रेस से है, वहीं तेलंगाना में विधानसभा चुनावों में टीआरएस की बड़ी जीत के बांद कांग्रेस और टीडीपी का गठबंधन टूट गया है और अब लड़ाई त्रिकोणात्मक हो गई है. आध्र प्रदेश के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं. केरल में जहां मुख्य लड़ाई लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन में है वहीं बीजेपी भी अपनी जड़े जमाने की कोशिश में लगी है.

    आंकड़ों के गणित और अब तक गठबंधनों के देखें तो देश के ज्यादातर राज्यों में मुकाबला आमने-सामने का ही है. ऐसे हालात में जो भी गठबंधन जनता के बीच दिल्ली की गद्दी के लिए अपने को मजबूत साबित कर पाएगा फायदा उसी को मिलेगा.

    @vicharodaya