खेल में समर्पण और कोरोना की लड़ाई..?

खेल में समर्पण और कोरोना की लड़ाई..?

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कोरोना के वजह से दुनिया के सारे खेलों के टूर्नामेंट स्थगित कर दिए गए है। क्रिकेट के लीग, फुटबॉल के लीग, और अन्य खेलों के लीग को भी आगे बढ़ा दिया गया है। ओलंपिक जो इस साल जापान में होने वाले थे वो अब 2021 में होंगे। पर जैसे जैसे कोरोना का प्रकोप धीरे धीरे कम हो रहा वैसे वैसे खेल भी अब वापस से शुरू हो रहे है। पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इससे खिलाड़ियों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

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सारे खेल के खिलाड़ी पिछले 2-3 महीनों से अपने अपने खेलों से दूर है और वो यह तक की प्रैक्टिस भी नहीं कर पा रहे। कोरोना के वजह से खेल जगत को भी बहुत ज्यादा नुक़सान हुआ है और जो पहले से तय कार्यक्रम थे उनमें भी बदलाव होने है जिसका मतलब यह है कि अब खिलाड़ियों को कम समय में ज्यादा मैच खेलने होंगे, ताकि कोरोना के वजह से जो समय का नुक़सान हुआ है उसकी भरपाई हो सके।

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ऐसी स्थिती में खिलाड़ियों के ऊपर ज्यादा मेहनत का भार पड़ने वाला है, इसके वजह से उनके चोटिल होने के भी खतरे पहले से कई गुना ज्यादा बढ़ गए हैं। और आज के तारीख में जब सारे खिलाड़ी अपने अपने प्रेक्टिस से दूर है तो उनको अपने खेल का बेस्ट प्रदर्शन करना भी काफी चुनौतपूर्ण होगा। सभी खेलों के संस्थाओं को इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है क्योंकि खिलाड़ियों को भी थकान होती है और उन्हें भी आराम की जरूरत होती है।

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एक और मह्वपूर्ण बात यह है कि बिना दर्शकों के खिलाड़ियों को भी खेलने में उत्साह नहीं आएगा इसीलिए दर्शकों को स्टेडियम में जाने की अनुमति मिलने के बाद ही सारे खेल वापस से शुरू हो तो अच्छा रहेगा। दर्शक जब खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते है , उनको चीयर करते है तो खिलाड़ियों का प्रदर्शन और ज्यादा अच्छे से निखर कर सामने आता है। आप खुद सोचिए कि बिना दर्शकों के हम टीवी पे कोई क्रिकेट मैच या कोई फुटबॉल मैच देख रहे हो तो हमे भी पहले जैसा आनन्द नहीं आएगा। ना ही खिलाड़ियों के बीच कोई रोमांच नजर आएगा ना ही उनमें जीत का जुनून दिखेगा। जो खेल पहले लाखो करोड़ो लोगो के दिल और जान को जिंदा रखती थी वो नीरस लगने लगेगी। इसीलिए मेरा यह मानना है कि सारे खेल संथाओं को थोड़ा वक्त लेना चाहिए और उन्हें खिलाड़ियों के जरूरतों का भी अच्छे से ख्याल रखना चाहिए तभी ये खेल वापस से दुनिया भर के खेल प्रेमियों के दिल पे राज कर पाएंगे। धन्यवाद।

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