केंद्र सरकार की पहल के बाद अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों और अन्य लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। मध्य प्रदेश के मजदूरों को लेकर नासिक से ट्रेन भोपाल के पास स्थित मिसरोद रेलवे स्टेशन पहुंची। इसमें 347 मजदूर आए। ट्रेन में मजदूरों के टिकट जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर सवाल उठाए हैं।
कमलनाथ ने कहा- “विशेष ट्रेन में यात्रियों से किराया वसूला गया, यह बेहद आपत्तिजनक है। कोरोना के कारण लॉकडाउन से मजदूर का पहले ही रोजगार छिन चुका है, उसके पास खाने को राशन तक नहीं है, ऐसे संकट के दौर में उससे घर वापसी का किराया वसूला जाना बेहद शर्मनाक है। सरकार इस मामले में संज्ञान लेकर तत्काल किराया वसूली पर रोक लगाए। प्रदेश में घर वापसी कर रहे मजदूरों के किराए की राशि का खर्च सरकार खुद वहन करे।”
कमलनाथ का ट्वीट
कोरोना महामारी के लॉकडाउन के चलते मज़दूर का पहले ही रोज़गार छीन चुका है , उसके पास खाने को राशन तक नहीं है , ऐसे संकट के दौर में उससे घर वापसी का किराया वसूला जाना बेहद शर्मनाक है।
3/4— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 2, 2020
शिवराज ने कहा था- मजदूरों को ट्रेन से लाएंगे
शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हम दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को ट्रेन से लाएंगे। प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंसे हैं। इसमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 50 हजार मजदूर फंसे हैं। मिसरोद पहुंची ट्रेन से उतरे मजदूरों ने भी इसकी पुष्टि की है कि उनसे किराया वसूला गया है। यह सभी मजदूर राज्य के 29 अलग-अलग जिलों से थे। यहां सभी मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत रेलवे स्टेशन पर गोले बनाकर बैठाया गया। इसके बाद एक-एक कर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। बाद में मजदूरों को उनके घरों तक बसों से रवाना किया गया।
स्पेशल ट्रेनों में किराया निर्धारित किया गया
श्रमिक एक्सप्रेस के नाम से इन स्पेशल ट्रेनों में किराया एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर क्लास का है, इसमें सुपरफास्ट चार्ज जोड़ा गया और 20 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लिया गया। ये ट्रेनें एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक ही चलेंगी। यात्रा के दौरान मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य किया गया। रेलवे ने बताया कि इस किराए में लंबी दूरी की ट्रेनों में मुफ्त भोजन और पीने का पानी शामिल है। यात्रियों को रेलवे से कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार उनकी ओर से समन्वय स्थापित करेगी। रेलवे ने 6 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई हैं। इनमें लिंगमपल्ली से हटिया, अलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना, नासिक से लखनऊ और कोटा से हटिया के लिए जाएंगी।
पहले हबीबंगज स्टेशन पर रोका जाना था
मजदूरों को किसी तरीके की दिक्कत न हो, इसलिए प्रशासन की अलग-अलग टीम काम कर रही थीं। सभी के लिए मास्क जरूरी था। पहले ट्रेन को हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर रोका जाना था। बाद में इसे शहर के बाहर मिसरोद में रोकने का निर्णय लिया गया। डिप्टी कलेक्टर राजेश गुप्ता ने बताया कि मिसरोद स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई।
शुक्रवार को मजदूरों को बसों से भेजा गया था
इससे पहले शुक्रवार को राजस्थान से बसों से लाए गए मध्य प्रदेश के मजदूरों को भोपाल सागर पब्लिक स्कूल में रोका गया। वहां पर उनका मेडिकल चेकअप हुआ, उसके बाद इनको आगे रवाना किया गया। स्कूल के अंदर जगह भर गई तो बाद में आई बस के मजदूरों को बाहर ही रोकना पड़ा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया है। मजदूरों से मिलने मंत्री तुलसी सिलावट भी पहुंचे और उन्होंने मजदूरों को खाने के पैकेट भी बांटे।
https://www.youtube.com/watch?v=kN5LXm69BvA&t=374s
आरोग्य सेतु ऐप से डेटा सुरक्षा और निजता को खतरा सरकार लोगो को ट्रेक करने उठा रही डर का फायदा
भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने लूटा राशन डीलर का घर, फर्नीचर में लगाई आग