महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस,जाने क्या है मामला

    महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस,जाने क्या है मामला
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    150 करोड़ रुपये के लेन-देन के मामले में भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस

    भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस आम्रपाली ग्रुप के फ्लैंट्स की डिलीवरी को लेकर एक विवाद चल रहा है। इसी को लेकर सोमवार को सर्वोच्च अदालत में सुनवाई हुई। इसी दौरान धोनी से जुड़ा मामला भी सामने आया। बता दें कि धोनी को आम्रपाली ग्रुप से 150 करोड़ रुपये का बकाया लेना है। वहीं, दूसरी तरफ ग्रुप के ग्राहकों को उनके फ्लैट्स नहीं मिल रहे हैं। इसी को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है। ऐसे में कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप और धोनी को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है। धोनी की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कार्यवाही शुरू की थी।

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    दरअसल, आम्रपाली ग्रुप के इस विवाद में महेंद्र सिंह धोनी इसलिए फंसे हुए हैं, क्योंकि वह इस रियल स्टेट डेवलपर के ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं। पूर्व कप्तान छह से सात वर्षों तक आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसड थे, और इस अवधि के दौरान उन्होंने रियल एस्टेट डेवलपर के लिए कई विज्ञापन शूट किए। एमएस धोनी का नाम सोशल मीडिया पर साल 2016 में उछाला गया, जब आम्रपाली परियोजना के पीड़ित निवासियों ने पूर्व कप्तान को सोशल मीडिया पर टैग कर उन्हें आम्रपाली ग्रुप से अलग होने या  लंबित परियोजनाओं को पूरा करने की हिदायत दी। इस मामले के बाद धोनी ने आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर पद से इस्तीफा दिया, लेकिन इसका परिणाम उनके लिए अच्छा नहीं रहा, क्योंकि उन्हें उनकी फीस नहीं दी गई।

    जिसके बाद साल 2018 में धोनी ने बकाया राशि के लिए आम्रपाली ग्रुप पर मुकदमा दायर किया। यह मुकदमा रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट ने धोनी की ओर से पहले दिल्ली हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में दायर किया। रीति स्पोर्ट्स ने दावा किया कि आम्रपाली ग्रुप धोनी को लगभग 150 करोड़ रुपये का भुगतान करने में विफल रहा, जो एक ब्रांड एंबेसडर के रूप में उनकी सेवाओं के लिए पूर्व कप्तान को भुगतान किया जाना चाहिए था।

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    इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है। धोनी की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कार्यवाही शुरू की थी। धोनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दी थी कि आम्रपाली ने उनकी फीस नहीं दी है। उन्होंने कोर्ट से इस मामले में अध्यस्थता की मांग की थी। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने धोनी को नोटिस दिया है। धोनी की उस अर्जी के बाद आम्रपाली ग्रुप सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
    आम्रपाली ग्रुप का कहना था कि फंड की कमी की वजह से लोगों को फ्लैट नहीं मिल पा रहा है और दूसरी तरफ धोनी 150 करोड़ रुपये की मांग करते हुए मामला मध्यस्थ कमेटी के पास ले गए हैं। अगर मध्यस्थ कमेटी धोनी के पक्ष में फैसला सुनाती है तो आम्रपाली ग्रुप को 150 करोड़ रुपये देने पड़ेंगे। ऐसे में खरीददारों को फ्लैट मिलना मुश्किल हो जाएगा। उसी मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने धोनी को नोटिस थमाया है. आम्रपाली ग्रुप पर आरोप था कि उन्होंने अपने ग्राहकों से पैसे लेने के बावजूद अब तक फ्लैट्स नहीं दिए हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने पर मामला कोर्ट तक पहुंच गया। धोनी तब आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एम्बेसडर थे। उन्होंने उस दौरान ग्रुप के लिए कई विज्ञापन भी शूट किए थे। साल 2016 में आम्रपाली ग्रुप के विरोध में कई कैम्पेन चलाए गए थे। इसके बाद धोनी ने खुद को इस ग्रुप से अलग कर लिया था।

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