CJI रहते हुए रंजन गोगोई ने 27 मार्च, 2019 को ट्रिब्यूनल की नियुक्तियों का मुकदमा सुनते हुए कहा था कि पोस्ट रिटायरमेंट जो जॉब जजों को दी जाती हैं वो लोकतंत्र की आज़ादी के लिए धब्बा है. पीटीआई के हवाले से बिजनेस स्टैण्डर्ड की यह रिपोर्ट देख सकते हैं. उनका यह कमेंट पांच जजों की संविधान पीठ द्वारा एक मामले की सुनवाई के दौरान आया था. रंजन ने पांच जजों की पीठ के मुखिया के तौर पर ऐसा कहा था. मामले में देश में ट्रिब्यूनल्स के कामकाज से निपटने वाले फाइनेंस एक्ट में संशोधन को चुनौती दी गई थी.
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एक दृष्टिकोण है कि रिटायरमेंट के बाद की नियुक्ति खुद न्यायपालिका की न्यायिक आज़ादी पर एक धब्बा है. आप उसे कैसे संभालेंगे?
हालांकि, अब अपनी उसी बात से पलटते हुए गोगोई ने राज्यसभा का ऑफर ले लिया है. उनका कहना है कि वह राज्यसभा सांसद की शपथ लेने के बाद बताएंगे कि उन्होंने यह पद क्यों स्वीकार किया.
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राज्यसभा जाने को रंजन गोगोई ने क्या कहा?
पूर्व CJI रंजन ने कहा,
पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं मीडिया को विस्तार से बताऊंगा कि मैंने यह क्यों स्वीकारा और राज्यसभा क्यों जा रहा हूं.
https://twitter.com/ANI/status/1239838101230383105?s=19
इसके बाद रंजन गोगोई ने असमिया न्यूज चैनल से राज्यसभा जाने को लेकर बातचीत की है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मुताबिक़ उन्होंने इंटरव्यू में कहा-
मैंने राज्यसभा के लिए नॉमिनेशन की पेशकश को इसलिए स्वीकार किया है क्योंकि मैं मजबूती से इस बात को मानता हूं कि विधायिका और न्यायपालिका को राष्ट्र निर्माण के लिए एक साथ काम करना चाहिए. संसद में मेरे होने से विधायिका के सामने न्यायपालिका के विचारों को प्रोजेक्ट करने का मौका होगा. भगवान मुझे संसद में आज़ाद आवाज़ देने की शक्ति दें. मेरे पास कहने को बहुत कुछ है, लेकिन मुझे संसद में शपथ लेने दीजिए और फिर मैं इस मामले पर कहूंगा.
https://youtu.be/JJukEbepdyU