सिर्फ खाना और जनसंख्या बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी करते हैं- मोहन भागवत

सिर्फ खाना और जनसंख्या बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी करते हैं- मोहन भागवत

Share this News

आने वाले समय में जल्दी ही चीन को पछाड़कर भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा इसी को लेकर एक चर्चा में बोले मोहन भागवत-सिर्फ खाना और जनसंख्या बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी करते हैं

हाल में ही विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया। इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने श्री सत्य सांईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के पहले दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। ‘इस दौरान इस बात पर चर्चा की ​गई कि आने वाले समय में जल्दी ही चीन को पछाड़कर भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। इन्हीं चर्चाओं के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ‘सिर्फ खाना और जनसंख्या बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी कर लेते हैं। जंगल में सबसे ताकतवर होना जरूरी है लेकिन दूसरों की रक्षा करना मनुष्य की निशानी है।’इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कई मुद्दों पर विस्तार से अपने विचार रखे।

गुजरात में फर्जी आईपीएल का भंडाफोड़,सट्टा लगाते चार गिरफ्तार

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने परिवर्तन के नियम से लेकर जनसंख्या तक के मुद्दे पर बयान दिया। मोहन भागवत ने सीधे तौर पर तो जनसंख्या पर कुछ नहीं बोला, लेकिन जनसंख्या बढ़ाने और कुछ किएटिव काम करने का इंसान और जानवर में जो फर्क होता है, उसे बताते हुए उन्होंने बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ‘सिर्फ जिंदा रहना किसी ​मनुष्य के जीवन का उद्देश्य नहीं होना चाहिए। सिर्फ खाना और आबादी बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी कर लेते हैं। शक्तिशाली ही जीवित रहेगा, ये जंगल का नियम है। वहीं शक्तिशाली जब दूसरों की रक्षा करने लगे, ये मनुष्य होने की निशानी है।’

भगवान का अपमान… हमारे यहां सिर्फ होती है FIR जानिए कार्रवाई का हाल.!

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देश के विकास पर भी अपने विचार व्य​क्त किए। उन्होंने कहा कि देश ने हाल के वर्षों में काफी तरक्की की है, विकास देखा है। भारत ने पिछले कुछ सालों में इतिहास की बातों से सीखा और सबक लेकर भविष्य के विचारों को समझते हुए विकास किया है। अगर कोई 10 या 12 साल पहले ऐसा कहता तो कोई इसे गंभीरता से नहीं लेता। भागवत ने कहा कि जो विकास आज दिख रहा है, इसकी नींव 1857 में रख दी गई थी। बाद में विवेकानंद ने अपने सिद्धांतों से उसे आगे बढ़ाया था। हालांकि इन सबके बीच मोहन भागवत ने इस बात को माना कि विज्ञान और बाहरी दुनिया की स्टडी में संतुलन का अभाव स्पष्ट दिखाई दे जाता है।

माँ की कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता : मुख्यमंत्री चौहान

भागवत ने कहा कि अगर भाषा अलग है तो विवाद है, अगर आपका धर्म अलग है तो विवाद है। आपका देश दूसरा है तो भी विवाद है। पर्यावरण और विकास के बीच तो हमेशा से ही विवाद रहा है। ऐसे में पिछले एक हजार वर्षों में कुछ इसी तरह से ये दुनिया विकसित हुई है। उन्होंने कहा कि ‘सभी से प्रेम करो, सबकी सेवा करो’ की कहावत के पीछे सबकुछ दर्शन एक है। भागवत ने कहा, ‘अस्तित्व वह है जो अलग अलग रूपों में प्रकट होता है। ये अलग अलग रूप नाशवान हैं। प्रकृति सदा नाशवान है लेकिन प्रकृति का मुख्य स्रोत शाश्वत और चिरस्थायी है।’

हमसे व्हाट्सएप ग्रुप पर जुड़े

खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

रोजगार की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्यों इतनी तेजी से फैल रहा आई फ्लू,काला चश्मा पहनने से मिलेगा लाभ कैसै बना बजरंग दल,जाने क्या है इसका इतिहास जानिए पहलवानों के आरोप और विवादों में घिरे ब्रजभूषण शरणसिंह कौन है?. Most Dangerous Dog Breeds: ये हैं दुनिया के पांच सबसे खतरनाक कुत्ते जाति प्रमाण पत्र कैसे बनाये, जाति प्रमाण पत्र कितने दिन में बनता है