नर्मदा चुनौती अनिश्चितकालीन सत्याग्रह,समर्थन में बैठी चार महिलाएं

नर्मदा चुनौती अनिश्चितकालीन सत्याग्रह,समर्थन में बैठी चार महिलाएं

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बडवानी में नर्मदा बचाओ आंदोलन का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह, दुसरे दिन भी जारी है जो कि मेधा पाटकर के नेतृत्व में किया जा रहा है,इस सत्याग्रह में वह सरदार सरोवर को लेकर गुजरात सरकार का भी विरोध कर रही है पाटकर जी की माने तो 192 गांव और एक नगर को बिना पुनर्वास डूबाने की केंद्र और गुजरात सरकार की योजना लगती है जिस और लम्बे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा है,सरोवर बांध से प्रभावित 192 गांव और एक नगर में 32,000 परिवार निवासरत है बांध में 134 मीटर पानी भरने से कई गांव जलमग्न हो गये हैं हजारों हेक्टर जमीन डूब गई हैयह भी पढ़े:10 साल बाद फिर से राजनीति में वापसी करेंगे संजय दत्त, महाराष्ट्र के मंत्री ने किया दावाजिनका भी सर्वोच्च अदालत के फैसले अनुसार 60 लाख रूपये मिलना बाकी है कई घरों का भू – अर्जन होना बाकी है और ऐसी स्थिति में लोगों को बिना पुनर्वास डूबाया जा रहा हैपाटेकर बताती हैं कि पिछले 15 साल से जो सरकार मध्यप्रदेश में थी उसकी करतूत है की 2008 से जीरो बैलेंस के शपथ पत्र न्यायालय में देती रही , लेकिन आज की सरकार ने माना की नर्मदा घाटी में 6000 परिवार निवासरत है लेकिन हमारा मानना है की आज भी नर्मदा घाटी में 32,000 परिवार निवासरत है | आज की सरकार ने हमारी बात तो सूनी पर 08यह भी पढ़े: रीवा में तीन साल के मासूम के पेट से पीठ तक घुसा सरिया, डॉक्‍टरों ने ऐसे निकालामहीनों में काम युद्ध स्तर पर आगे नहीं बढ़ा
आज भी वही स्थिति है पूर्व की सरकार ने जो भी किया उसे सामने लाकर मध्यप्रदेश सरकार को गुजरात और केंद्र सरकार से कड़ा सामना करते हुए बांध के गेट खुलवाना चाहिए और पुनर्वास का काम तत्काल करइस कि मांग की
यह लोग लम्बे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें अब इन्हें महिलाओं का समर्थन भी मिलने लगा है.@अंकित तिवारी
बड़वानी

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