मध्यप्रदेश सरकार की तिजोरी में लगा ताला,जरूरी काम पड़ने पर वित्त विभाग की अनुमति पर ही मिलेगा पैसा

मध्यप्रदेश सरकार की तिजोरी में लगा ताला,जरूरी काम पड़ने पर वित्त विभाग की अनुमति पर ही मिलेगा पैसा

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मध्यप्रदेश सरकार की तिजोरी में लगा ताला अब एक अप्रैल को खुलेगा। इस स्थिति में जब सरकारी लेन-देन पूरी तरह से बंद है, यदि जरूरी काम के लिए पैसा चाहिए तो वित्त विभाग की मंजूरी

मध्यप्रदेश सरकार की तिजोरी में लगा ताला अब एक अप्रैल को खुलेगा। इस स्थिति में जब सरकारी लेन-देन पूरी तरह से बंद है, यदि जरूरी काम के लिए पैसा चाहिए तो वित्त विभाग की मंजूरी जरूरी होगी। प्रदेश में यह स्थिति पहली बार बनी है जब 10 दिन पहले से तिजोरी बंद कर दी गई है। यानी बजट ‘0’ कर दिया गया है। हालत यह है कि मार्च के महीने में 10 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ा। वित्तीय स्थिति इसलिए गड़बड़ाई क्योंकि सरकार की विभिन्न संसाधनों से आय कम और खर्च ज्यादा रहे।

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इधर, 64 विभागों द्वारा वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा निकालने के लिए ट्रेजरी में बिल लगाए जाने थे, ताकि बजट लेप्स न हाे। लेकिन, बजट जीरो हो जाने से यह तैयारी धरी रह गई। लेन-देन पर साल के अंतिम दस दिनों में रोक लगाने की एक वजह विभागों द्वारा ज्यादा राशि के बिल लगाना भी रही।

इन खर्चों की निकासी पर पूरी तरह से रोक

  • नगर निगम, मंडल और बोर्ड जैसी संस्थाओं को भवन निर्माण या अन्य स्थायी विकास कार्य निर्माण के लिए अनुदान राशि नहीं मिलेगी।
  • बिजली पर सब्सिडी या पेयजल योजनाओं के लिए दी जाने वाली राशि।
  • विभाग निजी और अर्द्धशासकीय संस्थाओं को अनुदान नहीं दे सकेंगे।
  • आउटसोर्स पर ली जाने वाली सेवाओं के तहत प्रोफेशनल्स की सेवाएं नहीं ली जा सकेंगी और उन्हें मोटी फीस के भुगतान पर रोक।
  • मटेरियल की सरकारी खरीदी, भवन निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्री।
  • नए वाहन खरीदी प्रतिबंधित। लघु निर्माण कार्यों के लिए राशि निकालने पर रोक।

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बॉन्ड गिरवी रखकर मार्च में ही लिया है 10 हजार करोड़ का कर्ज

विभागों ने राशि लेने नया तरीका यह भी निकाला कि बैंकों में अलग से डिपाॅजिट खातों में जमा कर लिया जाए पर वित्त विभाग ने साफ कर दिया कि जरूरी खर्चों के लिए पैसे चाहिए तो पहले अनुमति लें। इसके तहत किसानों को ओला राहत देने के लिए राजस्व विभाग को 290 करोड़ रुपए दिए गए हैं। अस्पतालों में दवाइयों आदि की खरीदी के लिए 200 करोड़ रुपए दिए हैं। चुनावी साल में सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी को 1266 करोड़ दिए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक न होने से सरकार ने इसी महीने में बाॅन्ड गिरवी रखकर 10 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। 17 मार्च को 4000 करोड़, 9 मार्च को 2000 करोड़ और 1 मार्च को 3000 करोड़ रुपए कर्ज लिया गया।

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