बुजुर्गों को पेंशन देने में फैल रही मध्यप्रदेश सरकार,बुजुर्गों का कहना मरने के बाद काम नहीं आयेगी पेंशन

    रिटायरमेंट के बाद भी बुजुर्गों को नहीं मिल रही है अपने हक की रकम।
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    मानवाधिकार आयोग में पहुंचीं 765 शिकायतें; साहब जीते जी दिला दो पेंशन, मरने के बाद कोई काम की नहीं

    कृषि विभाग से सेवानिवृत्त हुए कृषि विस्तार अधिकारी ओम प्रकाश शर्मा पिछले 10 साल से अपनी पेंशन पाने के लिए भटक रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन, मानवाधिकार आयोग को उन्होंने लिखा है कि उन्हें जीते जी पेंशन दिला दो। इस तरह के कई पत्र वे पूर्व में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव कृषि आदि को भी लिख चुके हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह अकेला मामला नहीं है।

    कई साल अपनी सेवाएं देने के बाद अब रिटायर्ड हो चुके कर्मचारी पेंशन के लिए महीनों से परेशान हैं। पेंशन नहीं मिलने की मानवाधिकार आयोग को 765 शिकायतें मिली हैं। उसने संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है।मप्र पेंशन एसोसिएशन में भी ऐसी 25 शिकायत हर माह पहुंचती है।

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    कुछ की सेवा पुस्तिका ही गायब कर दी, इसलिए परेशानी बढ़ गई

    अरेरा कॉलोनी निवासी परमानंद जोशी हिंदी ग्रंथ अकादमी में विक्रय अधिकारी थे। वहां से वे बीयू में कुलपति के यहां सहायक सचिव रहे। कई विवि में काम करने के बाद वे 2010 में रिटायर हो गए। उन्हें पेंशन के लिए 10 साल इंतजार करना पड़ा।

    इन्होंने 2021 में पेंशन तो शुरू हो गई लेकिन वह भी आधी। इसकी वजह जब वे हिंदी ग्रंथ अकादमी में कार्यरत थे तो उस समय उनकी सेवा पुस्तिका वहीं थी। वहां से अब यह गुम गई हैं। इस पर अकादमी ने खेद जताया हैं। इस लापरवाही की वजह से उन्हें अ‌ाधी पेंशन मिल रही है।

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    थक चुके हैं शिकायत करते हुए अब आशा ही छोड़ दी

    शासकीय डेंटल कॉलेज से मई 2020 में रिटायर्ड हो चुके मानसिंह चौधरी के पेंशन प्रकरण का निपटारा अभी तक नहीं हुआ है। वे दफ्तरों के चक्कर लगाने के अलावा मानवाधिकार आयोग और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी शिकायत कर चुके, लेकिन कहीं से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। वह कहते हैं कि व्यवस्था से परेशान हो चुके हैं। आगे करें ताे क्या करें। दफ्तर के चक्कर लगाकर अब तो थक चुके हैं।

    यह है नियम

    शासन का नियम है कि कर्मचारी के रिटायर होने के 6 माह पूर्व से उसकी पेंशन, सर्विस बुक की प्रक्रिया शुरू कर देना चाहिए। सेवानिवृत होने के पूर्व उसे पेंशन, पीएफ संबंधी कागजात सौंपे जाने चाहिए।

    हमारे पास कई पेंशनर्स रोजाना शिकायत लेकर आते है

    • हमसे कई पेंशनर्स ने पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की है। किसी को ग्रेच्युटी नहीं मिली तो किसी को आधी पेंशन मिल रही है।ऐसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक फोरम बनाया है। इसके माध्यम से रिटायर हो चुके कर्मचारियों की मदद करते हैं। -गणेश जोशी, उपाध्यक्ष मप्र पेंशन एसोसिएशन

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    हमारे संज्ञान में मामले आए हैं, 10 का निपटारा हुआ

    • शासकीय कर्मी को सेवानिवृत होने पर पेंशन का अधिकार है। पेंशन एसो. के आवेदन पर 700 रिटायर कर्मचारियों के मामले में संज्ञान लिया है। तकरीबन 10 से रिटायर अधिकारियों को पेंशन मिल गई है। – जस्टिस नरेंद्र जैन, अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग

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