ओबीसी आरक्षण को खत्म कराने बीजेपी अपना रही कई हतकंडे सरकारी वकील की खराब पैरवी को बताया जिम्मेदार
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एकबार फिर ओबीसी के 27% आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई टल जाने पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री और विधायक कमलेश्वर पटेल ने भाजपा सरकार को आडे़ हाथ लिया |
भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अदालत में इस मामले को सक्षम तरीके से उठाना ही नहीं चाहती कमलेश्वर पटेल ने बताया कि कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश में 27% आरक्षण लागू किया था। शिवराज सिंह चौहान सरकार के महाधिवक्ता द्वारा मुख्य सचिव को दिनाँक 25 अगस्त को पत्र लिखकर प्रशासन में सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व के डेटा चाहे थे,जो अप्राप्त है, इसलिए 20 सितंबर को केस की सुनवाई नही हो सकी।
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जिस तरह से शासन माननीय उच्च न्यायालय को ओबीसी से जुड़ा डाटा उपलब्ध नहीं करा रहा है, उससे साफ पता चलता है कि सरकार की मंशा को अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण बनाए रखने की नहीं है। इसके साथ ही कमलेश्वर पटेल ने शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह पर लगातार ओबीसी आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया ।
साथ ही पटेल ने शिवराज सरकार ने इस पूरे मामले में खलनायक की भूमिका निभाने और जानबूझकर 17 महीने तक हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करके सभी पदों पर 27 फ़ीसदी आरक्षण के आधार पर भर्तियां नहीं होने व इस अवधि के दौरान जो लोग सरकारी नौकरी और पढ़ाई में प्रवेश पाने से वंचित रह गए ओबीसी वर्ग के उन सभी युवाओं से शिवराज सिंह चौहान को माफी मांगने की सलाह भी दी |
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