भोपाल: मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के भविष्य का फैसला सोमवार को होगा या नहीं, इस पर संशय पैदा हो गया है। राज्यपाल ने बजट सत्र के पहले दिन सुबह 11 बजे अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट कराकर सरकार को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है, लेकिन रविवार को भोपाल से दिल्ली तक चले सियासी दांव-पेच से फ्लोर टेस्ट उलझता दिख रहा है। कोरोना वायरस का खतरा जताकर विधानसभा का सत्र टालने की आशंका बढ़ गई है। सोमवार के लिए राज्य विधानसभा की कार्यसूची में राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण और मोशन ऑफ थैंक्स के लिए निर्धारित किया गया है। इसमें फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, फ्लोर टेस्ट का फैसला सदन करेगा
22 विधायकों के इस्तीफों के बाद पैदा हुए सियासी संकट का संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने शनिवार आधी रात को मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें पूरी तरह भरोसा हो गया है कि सरकार अल्पमत में है, उसे सदन में विश्वास मत हासिल करना होगा।
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वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को दोहराया कि वह फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं, लेकिन जब तक बेंगलुर में बंधक उनके विधायकों को स्वतंत्र नहीं किया जाता, यह नहीं हो सकता। इस्तीफे की पुष्टि के लिए विधानसभा अध्यक्ष के सामने विधायकों को पेश होना जरूरी है। जब तक स्पीकर संतुष्ट नहीं हो जाते, फ्लोर टेस्ट का कोई मतलब नहीं है। स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि फ्लोर टेस्ट का फैसला सदन ही करेगा। सदन क्या फैसला लेगा, यह काल्पनिक सवाल है। फ्लोर टेस्ट को भी उन्होंने काल्पनिक सवाल बता दिया।
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विधानसभा सचिवालय को सूचना नहीं
राज्यपाल ने विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह को तलब कर सदन में इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम से वोटिंग कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन एपी सिंह ने कहा कि फ्लोर टेस्ट यानी विश्वास मत हासिल करने का प्रस्ताव सदन के नेता द्वारा लाया जाता है तो परंपराओं के तहत कम से कम एक दिन पहले उसकी सूचना विधानसभा को दी जाती है। रविवार शाम तक विधानसभा को यह सूचना नहीं मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी इसकी सूचना दी जा सकती है।
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रजिस्टर में एंट्री से होगा मतदान
एपी सिंह ने बताया कि फ्लोर टेस्ट की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम से मतदान नहीं होगा, क्योंकि यह व्यवस्था राज्य विधानसभा में उपलब्ध नहीं है। मतदान के लिए रजिस्टर में विधायकों से एंट्री कराई जाएगी। दाई और बाई तरफ की लॉबी में सरकार के पक्ष और सरकार के विपक्ष के विधायकों की एंट्री का सिस्टम रखा जाएगा।
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भाजपा ने ली कानूनी सलाह
रविवार को भाजपा नेता कानूनी संभावनाएं तलाशते रहे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेद्र प्रधान, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सुप्रीम कोर्ट के सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से दो घंटे चर्चा की। उन्होंने राज्यपाल के निर्देश के बाद भी फ्लोर टेस्ट न कराने की स्थिति में कानूनी सलाह ली।
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गृहमंत्री शाह के निवास पर बैठक
भाजपा के प्रमुख नेताओं ने रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नई दिल्ली स्थित निवास पर महत्वपूर्ण बैठक कर रणनीति तैयार की। भोपाल में भाजपा विधायक दल ने व्हिप भी जारी कर दिया, ताकि कोई विधायक फ्लोर टेस्ट में गड़बड़ न कर सके। कांग्रेस शनिवार को व्हिप जारी कर चुकी है।
कांग्रेस विधायकों के लौटने पर हुई कोरोना की जांच
कई दिन तक जयपुर में रहे कांग्रेस के 82 विधायकों को रविवार सुबह विशेष विमान से भोपाल के राजा भोज विमानतल पर लाया गया। यहां सभी की कोरोना वायरस की जांच की गई। शाम को मुख्यमंत्री निवास में विधायक दल की बैठक भी हुई, जिसमें पार्टी ने सदन की रणनीति से विधायकों को अवगत कराया। इससे पहले कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक भी की।
