मध्य प्रदेश के इस जिले में लोगों ने किया पंचायत चुनाव में मतदान का सामूहिक बहिष्कार

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पंचायत चुनाव में मतदान का सामूहिक बहिष्कार,भिंड के महुरी गांव में लोगों ने बैनर लगाए

मध्य प्रदेश के हर जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आते ही माहौल गर्म आता जाता है सभी राजनीतिक गलियारे चर्चाएं जोरों पर होती है सभी और चुनाव प्रचार से गूंजती हुई गलियां भी दिखाई देती इसी बीच खबर आ रही है भिंड जिले की गोहद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत शेरपुरा के अंतर्गत आने वाली महुली गांव में लोगों ने चुनाव बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया ग्रामीणों में इतना आक्रोश है जिसके बाद..

उन्होंने गांव के बाहर पोस्टर और बैनर वोट न मांगने की अपील की है। ग्रामीणों ने विकास की मांग को करते हुए खुले स्वर में कहा कि गांव में पहले रोड और स्कूल होना चाहिए तब वोट देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सड़क और स्कूल तक नहीं है। सुविधाओं के लिए वह कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को लिखित व मौखिक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई अब तक नहीं हुई। इसलिए, इस बार मताधिकार का उपयोग नहीं करेंगे।

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गौरतलब है कि महुरी गांव के लोग को आजादी के बाद से ही मूलभूत सुविधाओं का इंतजार कर रहे हैं। मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले 75 वर्षों से ग्रामीण लगातार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से मांग करते आ रहे हैं। लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव का मुख्य मार्ग कच्चा है और उस पर गंदगी और कीचड़ भरा रहता है। गांव में मिडिल स्कूल नहीं होने से हमारे बच्चों को चार किमी पैदल चलकर शेरपुर गांव में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है। वहीं मुक्तिधाम के लिए रास्ता तक नहीं है। गांव में शिक्षा के नाम पर सिर्फ एक प्राथमिक स्कूल है, लेकिन उसकी भी बाउंड्री वॉल तक नहीं है। हर बार चुनाव में राजनीतिक दलों के लोगों द्वारा उन्हें बरगला दिया जाता है। और आश्वासन दिया जाता है कि गांव का पक्का मार्ग, स्कूल और मुक्तिधाम के लिए रास्ता बन जाएगा। मगर हमारी एक भी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।

सामूहिक रूप से किया बहिष्कार

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शनिवार को ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से पंचायत चुनाव का बहिष्कार करते हुए गांव के बाहर चुनाव बहिष्कार के पोस्टर और बैनर लटका दिए। सत्येंद्र सिंह, तोताराम, भीमसेन, पिंकी, जलदेवी, अंगूरी बाई, हरगोविंद सिंह, संग्राम सिंह, रोशन सिंह इंदौरिया, गुरदयाल सिंह, जिलेदार सिंह, रामबरन सिंह, अटल आदि का कहना है कि अगर शासन-प्रशासन द्वारा हमारी सभी मांगों को समय रहते पूरा किया जाता है, तभी हम लोग पंचायत चुनाव में मतदान करेंगे।

वर्ष 2018 में 7 ग्रामीणों की हुई थी मौत

सत्येंद्र सिंह, जिलेदार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव का मुख्य मार्ग कच्चा होने से बारिश के सीजन में तो हम लोगों का अन्य गांव से संपर्क पूरी तरह से टूट जाता है। हम लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं। वर्ष 2018 में गांव में बारिश का पानी भरने से महामारी फैल गई थी, जिसमें गांव के सात लोगाें की मौत हुई थी, वहीं 16 लोगों को इलाज के लिए ग्वालियर भर्ती कराना पड़ा था। स्थानीय मुख्यालय से ग्राम पंचायत शेरपुर के अंतर्गत आने वाले महूरी गांव की आबादी 1250 होने के साथ मतदाता 688 हैं।

ग्रामीणों को समझाइश दी जाएगी

महुरी गांव के ग्रामीणों को समझाने के लिए जनपद पंचायत सीईओ को भेजा जाएगा, साथ ही ग्रामीणों को मांगे अभी तक क्यों पूरी नहीं हुई इस बात का पता किया जाएगा।– शुभम शर्मा, एसडीएम, गोहद

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