भोपाल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था में हो रहा सुधार, मरीज के परिजन को देने की बजाए सीधे अस्पताल भेजे जायेंगे इंजेक्शन

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    राजधानी में छोटे से लालच में किसी की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसे हालात बनाने वाले मामलों को लेकर अब उन परिजनों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं, जिनके अपने अस्पतालों में एडमिट हैं। लोगों को इस बात की फिक्र सताने लगी हैं कि उनके द्वारा मुश्किल, मशक्कत और महंगी कीमत पर लाया गया इंजेक्शन उनके अपनों तक पहुंचेगा भी या नहीं इसी को देखते हुए भोपाल जिला प्रशासन ने इंजेक्शन की आसान उपलब्धता के लिए व्यवस्थाएं चौकस कर दीं हैं। इसके लिए हमीदिया रोड दवा बाजार स्थित दिशा फॉर्मा पर एक अधिकारी को पाबंद कर दिया है।

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    अस्पताल से लिखा गया पर्चा, मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट और आधार कार्ड आदि पेश करने पर मरीज के लिए इंजेक्शन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। यहां से मरीज के परिजन के हाथों इंजेक्शन सौंपने के बजाए सीधे अस्पताल में इसे पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।

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    दरहसल राजधानी के जेके अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की हुई कालाबाजारी के बाद चिकित्सा जगत भी सकते में है और इससे खुद को शर्मिंदा महसूस कर रहा है। इंजेक्शन रेमडेसिविर की बजाए नॉर्मल इंजेक्शन लगाने और फिर इस इंजेक्शन को महंगे दामों पर बेच दिए जाने का मामला अब शहर के अस्पतालों से लेकर उन लोगों के घरों तक गूंजता सुनाई दे रहा है, जिनके परिजन अस्पतालों में कोविड से जंग लड़ रहे हैं। जीवन देने वाले पेशे से जुड़े लोगों का इस तरह अमानवीय कृत्य लोगों का इंसानियत से भरोसा उठाने जैसा साबित हो रहा है

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