सरकारी अस्पताल में रिश्वत नहीं दी तो गर्भवती महिला को लौटाया,जन्म के बाद नवजात की मौत

सरकारी अस्पताल में रिश्वत नहीं दी तो गर्भवती महिला को लौटाया,जन्म के बाद नवजात की मौत
सरकारी अस्पताल में रिश्वत नहीं दी तो गर्भवती महिला को लौटाया,जन्म के बाद नवजात की मौत
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अस्पताल में रिश्वत नहीं दी तो गर्भवती महिला को लौटाया,स्वास्थ्य महकमे में फैला भ्रष्टाचार

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के गृह जनपद होने के बावजूद भी हरदोई में स्वास्थ्य महकमे में फैला भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है. एक गर्भवती महिला को भर्ती करने के एवज में उसके पति से अस्पताल में रिश्वत की मांग की गई और रिश्वत नहीं देने पर उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया गया, जिसके बाद अगले दिन रुपयों का बंदोबस्त कर युवक गर्भवती पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा जहां काफी मान मनौव्वल के बाद उसकी पत्नी को भर्ती कर उपचार शुरू किया गया.

आरोप है कि सही समय पर उपचार न मिल पाने के कारण उसके बेटे की मौत हो गयी. पीड़ित युवक ने नर्सों और आशा बहू के खिलाफ सीएमओ, डीएम, एसपी को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में सीएमओ ने जांच टीम गठित की है और पूरे प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. सीएमओ की मानें तो जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रकरण में कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामला हरदोई जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलग्राम का है.

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दरअसल थाना बिलग्राम के दुर्गागंज गांव के मजरा सरौना के रहने वाले रिशेन्द्र कुमार की पत्नी गर्भवती थी. रिशेन्द्र कुमार के मुताबिक विगत 18 मई को पत्नी मनीषा को प्रसव पीड़ा होने पर वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलग्राम लेकर गया था, जहां ड्यूटी पर मौजूद तीन नर्सों ने उसकी पत्नी को भर्ती करने के लिए 2500 रिश्वत की मांग की. जब उसने रुपए ना होने की बात कही तो उसे वहां से भगा दिया गया जिसके बाद वह अपने गांव लौट आया. अगले दिन लोगों से 1500 रुपए मांग कर वह अपनी पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा जहां काफी मान मनौव्वल के बाद उसकी पत्नी को 1500 रुपये लेने के बाद भर्ती कर लिया गया.

आरोप है कि उसकी पत्नी के साथ गाली-गलौज भी किया गया. प्रसव के बाद उसकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया जिसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया जहां उसकी मौत हो गई. जितेंद्र कुमार के मुताबिक ड्यूटी पर तैनात नर्सों और आशा बहू ने उससे रिश्वत की मांग की. सही समय पर अगर उसकी पत्नी को भर्ती कर लिया जाए जाता तो उसके बेटे की जान बच सकती थी, ऐसे में इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

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रिशेन्द्र कुमार ने रिश्वतखोरी की बातचीत के दौरान का वीडियो बनाकर जिलाधिकारी, एसपी और सीएमओ से पूरे प्रकरण की शिकायत की है. इस मामले में सीएमओ डॉ राजेश तिवारी ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है जिसमें रिश्वतखोरी की बात सामने आई है. इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए टीम गठित की गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी

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