गांजा फूंकने के बाद उसका नशा कितनी देर रहता है, जानिए उसके पीछे क्या है वजह?
दुनिया भर के कई देशों में गांजा प्रतिबंधित नहीं है,क्योंकि इसका दवा के रूप में भी इस्तेमाल होता है। लेकिन इसके साथ ही कई लोग गांजे को पीते भी हैं। इस लेख के जरिए हम जानेंगे की गांजे का असर कितनी देर रहता है। गांजे के सेवन के बाद आप कितनी देर तक हाई रहते हैं। इसके पीछे की साइंटिफिक वजह क्या है? इसका पता वैज्ञानिक जुटाने में लगे हैं,कि आखिर इंसान गांजा पीने नशे में रह सकता है।

दुनिया भर के अलग-अलग इस नाम से जाना जाता है गांजा..
गाँजे के पौधे का वानस्पतिक नाम कैनाबिस सैटिवा (Cannabis sativa) है। यह भांग (Cannabis indica) की जाति का ही एक पौधा है। यह देखने में भाँग से भिन्न नहीं होता, पर भाँग की तरह इसमें फूल नहीं लगते।
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क्या है गांजा,कैसे किया जाता है इसका सेवन
आमतौर पर गांजे को सिगरेट की तरह स्मोक किया जाता है.वहीं,कई लोग बताते हैं कि इसे खाया भी जाता है और घोलकर भी पीया जाता है. भारत में गांजे को NDPS के अंतर्गत लाने की सबसे बड़ी वजह थी कि ये एक मनोसक्रिय मादक (Psychoactive Drug) है

तो इसलिए किया जाता है गांजे का इस्तेमाल?
कुछ रिसर्च में दावा किया गया है कि गांजे का सेवन करने से खाने पीने की क्षमता बढ़ती है गांजा पीना एड्स, कैंसर सहित अन्य बीमारी से लड़ने वाले मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह पाचन शक्ति को मजबूत करता है वहीं इस बीमारी से ग्रसित मरीज अच्छे से खाना का सेवन कर पाते हैं और उनका वजन भी कम नहीं होता है।
कितनी देर रहता है गांजे का नशा?
गांजा यानी कैनाबिस या मारिजुआना (Cannabis or Marijuana) गांजे का नशा कितनी देर रहता है यह नशा करने वाली शारीरिक क्षमता, खानपान और उसकी सेहत पर निर्भर करता है। लेकिन आपको बता दें। वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि कोई भी इंसान गांजा फूंकने के बाद कितनी देर तक नशे में रह सकता है। वैज्ञानिकों ने लगभग ज्यादा लोगों पर रिसर्च करने के बाद पता किया कि किसी भी इंसान को गांजे का नशा कितनी देर तक रह सकता है।

ऑस्ट्रेलिया में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के साइकोफार्मोकोलॉजी लेन मेकक्रेगर बताते हैं कि किसी भी व्यक्ति को गांजे का नशा कितनी देर रहेगा,यह निर्भर करता है कि गांजा कितना तेज मतलब स्ट्रांग है?, गांजे को कितनी बार फूंका गया है?
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गांजा फूंकने के बाद कई हफ्तों तक शरीर में रहता है असर?
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के साइकोफार्मेकोलॉजिस्ट लेन मेकक्रेगर ने बताया कि गांजा फूंकने के बाद कई हफ्तों तक शरीर में गांजे से निकलने वाला रसायन टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) मिलता है,

लेकिन इसकी वजह से शरीर में आने वाली दुर्बलता (Impairment) यानी नशे की वजह शरीर का काम नहीं करना कुछ समय के लिए ही होता है
अल्कोहल पीने वाले पहुंचाते हैं,ज्यादा नुकसान
सिडनी यूनिवर्सिटी के न्यूट्रिसनिस्ट डैनियल मैक्कार्टनी के नेतृत्व में की गई शोध में पता चला है कि अल्कोहल पीने वाले अपने और दूसरों के लिए ज्यादा खतरा बनते हैं.ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. डेनियल बनाते हैं कि उन्होंने 80 अलग-अलग लोगों पर शोध करके यह जानने की कोशिश की है गांजा फूंकने के बाद उसका असर कितनी देर तक रहता है। ऐसा पहला मौका है जब किसी भी शोध में यह जानने की कोशिश की गई हो कि गांजे का असर कितनी देर तक रहता है।

इन 80 स्टडीज में डैनियल ने 1534 परफॉर्मेंस आउटकम की स्टडी की. यानी गांजा फूंकने वाले लोग कितनी देर तक दुर्बलता के शिकार बने रहे. साधारण भाषा में कहें तो नशे में रहने वाले लोगों की मानसिक स्थिति कैसी थी. शरीर की हालत कैसी थी. कितनी देर में ये लोग सामान्य हुए. कितनी देर तक ये लोग भयानक नशे में थे. कब नशा कम हुआ. डैनियल ने बताया कि स्टडी से पता चला कि नशा 3 से 10 घंटे तक रहता है. यह निर्भर करता तीन बड़े प्रमुख वजहों पर, पहला – कितना स्ट्रॉन्ग डोज लिया गया है. दूसरा- किस तरह से लिया गया है. यानी सूंघ कर, खाकर, कैप्सूल में या ड्रॉप्स में. तीसरा – व्यक्ति रोज गांजा फूंकता है या कभी-कभार.
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डैनियल कहते हैं कि जो लोग हर रोज गांजे का नशा करते हैं, उनके शरीर में एक तय मात्रा में नशा सहने की क्षमता पैदा हो जाती है. वो अपने सारे काम उसी हालत में कर लेते हैं. इसलिए यह बता पाना बेहद मुश्किल है कि गांजे का नशा किस व्यक्ति को कितनी देर तक नशे में रखेगा. क्योंकि जो लोग रेगुलर नशा करते हैं उनके शरीर में दुर्बलता देखने को नहीं मिलती. जबकि, कभी-कभार गांजा का नशा करने वाले शारीरिक रूप से दुर्बल हो जाते हैं कुछ घंटों के लिए.
डैनियल ने बताया कि गांजे का नशा अधिकतम 10 घंटे तक रहता है, अगर हाई डोज ओरली (Orally) लिया जाए. नशे में शरीर के दुर्बल होने का समय अधिकतम 4 घंटे रहता है. लेकिन इंसान अगर गांजे को फूंकता है यानी धूम्रपान करता है तो वह थोड़े-बहुत काम कर सकता है. लेकिन अगर किसी ने हाई डोज सूंघ कर लिया है तो वह छह से सात घंटे दुर्बल रह सकता है. लेकिन उसे बड़े काम जैसे ड्राइविंग आदि नहीं करने चाहिए.

लगातार गांजा का नशा करने वाले लोग कार भी सही से चला लेते हैं. क्योंकि उनके अंदर नशे को बर्दाश्त करने की क्षमता विकसित हो जाती है. अगर दिक्कत होती भी है तो पांच घंटे में शारीरिक दुर्बलता खत्म हो जाती है. उसके बाद वो सारे काम सही से कर सकते हैं. यह स्टडी हाल ही में न्यूरोसाइंस एंड बायोबिहेवरल रिव्यू में प्रकाशित हुई है