गांजे की होम डिलिवरी अमेजॉन से .! तस्करों का बड़ा खुलासा,एक ही UPI से हुए कई ऑडर

गांजे की होम डिलिवरी अमेजॉन से .! तस्करों का बड़ा खुलासा,एक ही UPI से हुए कई ऑडर

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अमेजॉन से गांजे की तस्करी नही हुआ फिजिकल वेरीफिकेशन एक ही UPI से हुए कई ऑडर

मध्यप्रदेश पुलिस ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन से गांजे की तस्करी के मामले में दो तस्करों को शनिवार को दबोचा। इनसे बड़े खुलासे हो रहे हैं। इन तस्करों का जाल विशाखापटनम से लेकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व राजस्थान तक फैला हुआ था। पकड़े गए आरोपियों से पुलिस को कई अहम सबूत हाथ लगे। पुलिस की पड़ताल में अब तक जो साक्ष्य हाथ आए है। अमेजॉन कंपनी भी सवाल घेरे में आ गई है। पुलिस अब अमेजॉन कंपनी के अधिकारियों से पूछ रही है कि बाबू टैक्स कंपनी का फिजिकल वैरीफिकेशन क्यों नहीं किया गया? इसके अलावा सात महीने में 384 बार गांजे की डिलेवरी हुई। हर बार एक की यूपीआई नंबर से पेमेंट हुआ। यह सब होता रहा कंपनी के अफसरों ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया।

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अब भिंड एसपी मनोज कुमार ने गांजे की तस्करी में ई-कॉमर्स कंपनी पर पूरी बारीकी से नजर बनाकर रखी है। इस मामले में अमेजॉन कंपनी के अफसरों को पूछताछ की जाएगी। इसके लिए भिंड पुलिस द्वारा पूरा होमवर्क कर लिया गया है। सूत्र बताते है कि अमेजॉन कंपनी भी अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए कई बड़े वकीलों के संपर्क में आई है। पुलिस द्वारा रविवार को अमेजॉन के व्यावसायिक गोदाम गोला का मंदिर नारायण विहार पर छापामारा था। इस पूरे मामले पुलिस के हाथ कई अहम साक्ष्य लगे है।

फिजिकल वेरीफिकेशन क्यों नहीं?

इन साक्ष्यों में से विशाखापटन से गांजे की तस्करी होती थी। भिंड, मुरैना, आगरा, कोटा, बूंदी, भोपाल, देवास, झांसी समेत कई जगह पर अप्रेल महीने से अब तक 384 पैकेट की डिलेवरी हुई थी। एक पैकेट में 2 किलो गांजा हाेता था। इस पूरे मामले में जो यूपीआई पेमेंट होता था वो ग्वालियर की लोकेशन पर किया जा रहा था। इसलिए अमेजन कंपनी के अधिकारियों ने इस बात पर फोकश क्यों नहीं किया कि हर बार यूपीआई पेमेंट के दौरान ग्वालियर की लोकेशन क्यों आ रही है? इसके अलावा बाबू टैक्स के नाम पर अमेजन पर जिस फर्म से गांजे का कारोबार चल रहा था। यह फर्म में फर्जी पेन नंबर का उपयोग किया गया। पंजीयन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनी द्वारा फिजिलक वेरीफिकेशन क्यों नहीं किया?

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12 ऑर्डर पेंडिंग

तस्करों द्वारा अमेजॉन पर अब तक 384 ऑर्डर किए थे। अर्थात ई-कॉमर्स कंपनी से 768 किलो गांजा की तस्करी की जा चुकी है। अभी भी 12 ऑर्डर पेडिंग है। ऑर्डर पेडिंग के पीछे पूरे मामले की जांच कर रहे एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी का कहना है कि विशाखापटन में गांजे को लेकर सख्ती बरती गई है। इस कारण से ऑर्डर पेडिंग है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में मुकुल और विशाखापटन का वासू पूरी लीड से जुड़ना पाया जा रहा है। विशाखापटन पुलिस से संपर्क किया गया है। इन लोगों की तलाश कराई जा रही है।

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