MP में OBC आरक्षण के मामले में सुनवाई टली,पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने लगाया सरकार पर बड़ा आरोप

    OBC आरक्षण
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    OBC आरक्षण के मामले में सरकार ने हाईकोर्ट में उपलब्ध नहीं कराया प्रशासन में सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व का डेटा

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सोमवार को ओबीसी के 27% आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 सितंबर तय की है। OBC आरक्षण को लेकर कांगेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाईकोर्ट में उपलब्ध नहीं कराया प्रशासन में सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व का डेटा, इसलिए सुनवाई को आगे बढ़ाई गई हैं।

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    पटेल ने जारी बयान में कहा कि शिवराज सरकार के महाधिवक्ता द्वारा मुख्य सचिव को 25 अगस्त को पत्र लिखकर प्रशासन में सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व के डेटा चाहे थे,जो अप्राप्त है। इसलिए केसों की सुनवाई पूरी नही हो सकी। इससे साफ पता चलता है कि सरकार की मंशा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण बनाए रखने की नहीं है।

    उन्होने कहा कि कांग्रेस की ओर से पेश हुए वकील इंदिरा जयसिंह और अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले की पैरवी की। इंदिरा जय सिंह का मुख्य तर्क था कि मध्यप्रदेश में ओबीसी की 51% आबादी का डेटा पिछली सरकार द्वारा कोर्ट में दाखिल किया गया है तथा मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी को दृष्टिगत रखते हुए 27%  OBC आरक्षण किया गया है।

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    पटेल के मुताबिक कांग्रेस के वकीलों ने कहा कि जहां तक आरक्षण की अधिकतम सीमा 50% का सवाल है तो इसका संविधान में कोई प्रावधान नही है। इंदिरा साहनी के प्रकरण में व्यवस्था के अनुसार ओबीसी का कुल आरक्षण 50% की सीमा के अंदर है। चूंकि इन सभी प्रकरणो में केवल ओबीसी के ही आरक्षण को चुनौती दी गई है, इसलिए इन प्रकरणो में इंदिरा साहनी का केस बाधक नही है।

    कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील अभिषेक मनु सिंघवि का तर्क था कि लेजिस्लेशन की संवैधनिकता को चुनौती दी गई। जबकि संविधान में आरक्षण की कुल सीमा का कोई प्रावधान नही है। अकेले ओबीसी के आरक्षण की सीमा 50% की तय सीमा क्रॉस नही हो रही है। सरकार को मालूम था कि ओबीसी की 51% आबादी है, लेकिन एडक्यूट रिप्रजेंटेशन के सिद्धांत को दृष्टिगत रखते हुए ओबीसी को 27% आरक्षण दिया गया है, जो न्यायसंगत है।

    पटेल ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार पिछले 17 महीने से जानबूझकर कमलनाथ सरकार द्वारा ओबीसी को दिए गए 27% आरक्षण दिए जाने को लेकर चुप रही। उसके महाधिवक्ता को अदालत के फैसले को समझने में 17 महीने लग गए। उन विभागों में भी आरक्षण नहीं दिया गया, जिन पर हाईकोर्ट में कोई रोक नहीं लगाई थी।

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    भ्रमित करते हैं मंत्री भूपेंद्र सिंह पटेल ने यह आरोप भी लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह बार-बार जनता को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं। वह यह प्रचारित करने की कोशिश करते हैं कि शिवराज सिंह चौहान ने आरक्षण दिया है। जबकि यह तथ्य आप सबके सामने है कि ओबीसी के लिए 27% आरक्षण का जो कानून तत्कालीन कमलनार सरकार ने बनाया था, इसी कानून और आदेश के आधार पर प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जा रहा है।

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