हर 100 साल बाद होता है महामारी का हमला..

हर 100 साल बाद होता है महामारी का हमला..

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सन् 1720, फिर 1820, इसके बाद 1920 और अब 2020. अब ये इत्तेफाक है या कुछ और पता नहीं. पर पिछले चार सौ सालों में हर सौ साल बाद एक ऐसी महामारी जरूर आई है, जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचाई. हर सौवें साल आने वाली इस महगामारी ने दुनिया के किसी कोने को नहीं छोड़ा. करोड़ों इंसानों की जान लेने के साथ-साथ इसने कई इंसानी बस्तियों के तो नामो-निशान तक मिटा दिए.

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दुनिया में हर 100 साल पर ‘महामारी’ का हमला हुआ है. सन् 1720 में दुनिया में द ग्रेट प्लेग आफ मार्सेल फैला था. जिसमें 1 लाख लोगों की मौत हो गई थी. 100 साल बाद सन् 1820 में एशियाई देशों में हैजा फैला. उसमें भी एक लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इसी तरह सन् 1918-1920 में दुनिया ने झेला स्पेनिश फ्लू का क़हर. इस बीमारी ने उस वक्त करीब 5 करोड़ लोगों को मौत की नींद सुला दिया था. और अब फिर 100 साल बाद दुनिया पर आई कोरोना की तबाही. जिसकी वजह से पूरी दुनिया में लॉक डाउन है.

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तो क्या है हर सदी में आने वाली इन महामारियों की कहानी. क्यों हर 100 साल में होता है इंसानी सभ्यता पर हमला. क्यों सब कुछ होते हुए भी इन महामारियों के सामने बेबस हो जाता है इंसान. पिछली चार सदियों से हर सौ साल पर अलग-अलग महामारियों ने दुनिया पर हमला किया. और हर बार लाखों लोगों को बेमौत मार गईं ये महामारियां. और हर बार हमने इन महामारियों का इलाज ढूंढने में इतनी देर कर दी कि बहुत देर हो गई.

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सन् 1720 पूरी दुनिया में प्लेग फैला था. इसे ग्रेट प्लेग ऑफ मार्सिले कहा जाता है. मार्सिले फ्रांस का एक शहर है. जहां इस प्लेग की वजह से 1 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी. प्लेग फैलते ही कुछ महीनों में 50 हज़ार लोग मारे गए. बाकी को 50 हजार लोग अगले दो सालों में मर गए.

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सन् 1820 ग्रेट प्लेग ऑफ मार्सिले के पूरे 100 साल बाद एशियाई देशों में कॉलरा यानी हैजा ने महामारी का रूप लिया. इस महामारी ने जापान, अरब देशों, भारत, बैंकॉक, मनीला, जावा, चीन और मॉरिशस जैसे देशों को अपनी जकड़ में ले लिया. हैजा की वजह से सिर्फ जावा में 1 लाख लोगों की मौत हुई थी. जबकि सबसे ज्यादा मौतें थाईलैंड, इंडोनेशिया और फिलीपींस में हुई थी.

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सन् 1920 करीब 100 साल बाद धरती पर फिर तबाही आई. इस बार ये तबाही स्पैनिश फ्लू की शक्ल में आई थी. वैसे ये फ्लू फैला तो 1918 से ही था. लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर 1920 में देखने को मिला. कहा जाता है कि इस फ्लू की वजह से पूरी दुनिया में दो से 5 करोड़ के बीच लोग मारे गए थे.

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सन् 2020 अब फिर पूरे 100 साल बाद इंसानियत को खतरे में डालने कोरोना वायरस की शक्ल में एक और महामारी आई है. साल की शुरुआत में चीन से शुरु होकर अब ये महामारी पूरी दुनिया में फैल चुकी है. फिलहाल लाखों इसकी जद में हैं और हज़ारों मारे जा चुके हैं. इतिहास की बाकी बीमारियों की तरह वक्त रहते इसकी भी कोई वैक्सीन खोजी नहीं जा सकी है. और जब तक ये वैक्सीन तैयार होगी तब तक ना जाने कितनी देर हो चुकी होगी. इसलिए पनाह मांगिए इस महामारी से. खुद भी सुरक्षित रहिए और दूसरों को भी सुरक्षित रखिए.

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