गुना: दुष्कर्म के आरोपी को उम्रकैद की सजा,कोर्ट ने कहा लांछन से बचने होती है FIR में देरी

    दुष्कर्म के आरोपी को उम्रकैद
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    गुना,बांसखेड़ी की रहने वाली युवती से ज्यादती के मामले में विशेष न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई के दौरान फरियादी की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक परवेज अहमद खान ने की।

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    18 जनवरी 2019 को बांसखेड़ी निवासी युवती ने मां के साथ कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि मोहल्ले में रहने वाला विकास कुशवाह उसके घर में घुस आया। उसके साथ गलत काम किया। वारदात के वक्त युवती के परिजन घर पर नहीं थे। यही नहीं, आरोपी ने जान से मारने की भी धमकी दी। कैंट पुलिस ने युवती के बयान लेकर कार्रवाई की। आरोपी को गिरफ्तार कर मेडिकल कराया गया।

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    कोर्ट में सुनवाई के दौरान फरियादी युवती के एससी-एसटी वर्ग से संबंध रखने पर विशेष न्यायाधीश ने केस की सुनवाई की। 8 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश रविंद्र कुमार भद्रसेन ने विकास को आजीवन कारावास और 5 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया। न्यायालय ने कहा है कि अगर विकास जुर्माने की राशि अदा नहीं करता है, तो उसे एक साल के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।

    फैसले में कोर्ट के मुख्य बिंदु

    • जहां आरोपी यह बचाव लेता है कि युवती सहमत थी, वहां पहले आरोपी को यह स्वीकार करना होगा कि उसने युवती के साथ लैंगिक संबंध बनाए हैं।
    • मामले में प्रथम सूचना में बिलंब होना सामान्य है, क्योंकि सामान्यतः पीड़ित का परिवार यह नहीं चाहता की लड़की पर लांछन लगे। अतः इन मामलों में FIR के विलंब को भिन्न मानदंड में लेना चाहिए।
    • यदि लड़की के बयान विश्वास योग्य पाए जाते हैं, तो वह पर्याप्त होते हैं। उसकी साक्ष्य की पुष्टि आवश्यक नहीं होती है। वैसे भी ऐसे अपराध एकांतता का लाभ उठाकर किए जाते हैं।
    • लड़की के शरीर पर चोट न होने से यह अनुमान नहीं निकाला जा सकता की वह सहमत पक्षकार थी।

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