मध्यप्रदेश में अब बीमार और घायल गौवंश को इलाज मुहैया कराने एक फोन पर एंबुलेंस मुहैया होगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीमार और घायल गौवंश को इलाज मुहैया कराने के लिए योजना की शुरुआत की आपकों बतां दें भोपाल स्थित लाल परेड ग्राउंड पर शुक्रवार को गौ-रक्षा संकल्प सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘1962 नंबर पर फोन करेंगे तो पशु चिकित्सा एंबुलेंस वहां पहुंच जाएगी, जहां बीमार गौमाता है। चलता फिरता अस्पताल उन तक पहुंच जाएगा। हर एक ब्लॉक के लिए अलग एंबुलेंस रहेगी। गौशाला से फोन आए या किसी किसान या गोपालक के घर..तत्काल एंबुलेंस पहुंच जाएगी और इलाज करने का काम करेगी।’
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के लिए 406 एंबुलेंस आवंटित की गई हैं। हर एंबुलेंस में एक पशु चिकित्सक, पैरावेटरिनरी स्टाफ और सहायक संचालक होंगे। कॉल सेंटर का टोल फ्री नंबर 1962 आप नोट कर लें। पिछले चुनाव के दौरान संकल्प पत्र में हमने यह वादा किया था और इसे आज पूरा कर दिया है।
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आदिवासियों को गाय खरीदने पर सरकार देगी सब्सिडी
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार ने मध्यप्रदेश में गौ-वंश के वध पर प्रतिबंध लगाने का काम किया है। अगर कोई यह पाप करेगा तो उसे 7 साल की सजा दी जाएगी। गौ-वंश के अवैध परिवहन के मामले में भी दोष सिद्ध होने पर कार्रवाई की जाएगी। प्राकृतिक खेती करने वाले गौ-पालकों को ₹900 प्रति माह गाय पालन के लिए दिए जाएंगे। ऐसे 22,000 किसानों को हम इसी महीने ₹900 की किस्त जारी कर रहे हैं। हमारे आदिवासी भाई बहन आदिवासी क्षेत्रों में गाय खरीदेंगे और गौ-पालन करेंगे तो दो गायों के लिए उन्हें 90% सब्सिडी दी जाएगी।’
गौ-रक्षा का मतलब मुसलमानों का विरोध नहीं
सम्मेलन के दौरान बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने कहा, ‘मध्यप्रदेश गौ-रक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। गौ-रक्षा का मतलब मुस्लिमों का विरोध करना नहीं है। गाय की रक्षा का मतलब मुसलमान का विरोध कहां से हो गया? गौ-रक्षा, गौ-सेवा की बात करना सेक्युलरिज्म का विरोध करना नहीं है। शिवराज जी, मोदी जी और भाजपा की सरकारें भारत की संविधान की मूल आत्मा के अनुरूप मानकर गौ-रक्षा का काम करती हैं।
गाय की सेवा लाडली बहना की सेवा है। दुग्ध उत्पादन से लेकर विपणन के काम में महिलाएं जुड़ीं हुई हैं। आने वाले दिनों में महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए कोई प्रकल्प है तो वह गाय के माध्यम से हो सकता है। हमारी नीति गौ-रक्षकों पर गोली चलाने वाले, विद्वेष की राजनीति करने वालों से मुक्ति पाकर गौ-रक्षा के काम को आगे बढ़ाने वाली होगी।’