सरकार ने कसा सोशल मीडिया पर शिकंजा; फेसबुक,ट्विटर,इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर हो सकती है कार्रवाई

सरकार ने कसा सोशल मीडिया पर शिकंजा; फेसबुक,ट्विटर,इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर हो सकती है कार्रवाई

Share this News

देश में काम कर रहीं सोशल मीडिया कंपनियां यानी फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। केंद्र सरकार ने देश में काम कर रहीं सभी सोशल मीडिया कंपनियों को कुछ नियमों का पालन करने के निर्देश दिए थे और उसके लिए तीन महीने का समय भी दिया था, जो 26 मई को पूरा हो रहा है, लेकिन अभी तक किसी भी कंपनी ने इन नियमों का पालन नहीं किया है।

18-44 के एजग्रुप के लिए अब ऑनलाइन अपॉइंटमेंट जरूरी नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बदला नियम

सरकार ने सोशल मीडिया के लिए क्या गाइडलाइंस जारी कीं?

  • सभी सोशल मीडिया भारत में अपने 3 अधिकारियों, चीफ कॉम्प्लियांस अफसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस अफसर नियुक्त करें। ये भारत में ही रहते हों। इनके कॉन्टेक्ट नंबर ऐप और वेबसाइट पर पब्लिश किए जाएं।
  • ये प्लेटफॉर्म ये भी बताएं कि शिकायत दर्ज करवाने की व्यवस्था क्या है। अधिकारी शिकायत पर 24 घंटे के भीतर ध्यान दें और 15 दिन के भीतर शिकायत करने वाले को बताएं कि उसकी शिकायत पर एक्शन क्या लिया गया और नहीं लिया गया तो क्यों नहीं लिया गया।
  • ऑटोमेटेड टूल्स और तकनीक के जरिए ऐसा सिस्टम बनाएं, जिसके जरिए रेप, बाल यौन शोषण के कंटेंट की पहचान करें। इसके अलावा इन पर ऐसी इन्फर्मेशन की भी पहचान करें, जिसे पहले प्लेटफॉर्म से हटाया गया हो। इन टूल्स के काम करने का रिव्यू करने और इस पर नजर रखने के लिए भी पर्याप्त स्टाफ हो।
  • प्लेटफॉर्म एक मंथली रिपोर्ट पब्लिश करें। इसमें महीने में आई शिकायतों, उन पर लिए गए एक्शन की जानकारी हो। जो लिंक और कंटेंट हटाया गया हो, उसकी जानकारी दी गई हो।
  • अगर प्लेटफॉर्म किसी आपत्तिजनक जानकारी को हटाता है तो उसे पहले इस कंटेंट को बनाने वाले, अपलोड करने वाले या शेयर करने वाले को इसकी जानकारी देनी होगी। इसका कारण भी बताना होगा। यूजर को प्लेटफॉर्म के एक्शन के खिलाफ अपील करने का भी मौका दिया जाए। इन विवादों को निपटाने के मैकेनिज्म पर ग्रेवांस अफसर लगातार नजर रखें।

MP के 6 जिलों में आज से अनलॉक, बाकी जिलों में 1 जून से राहत मिलने की उम्मीद

50 लाख या इससे ऊपर यूजर बेस वाले मुख्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ये नियम लागू करने के लिए 3 महीने का वक्त दिया गया था। ये मियाद 25 मई को खत्म हो रही है। सिर्फ इंडियन सोशल मीडिया कंपनी कू ने गाइडलाइंस का पालन किया है। इनके अलावा ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी कंपनियों ने अब तक ऐसे किसी कदम की जानकारी नहीं दी है।

कोरोना पर बयान देना पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पड़ा भारी, धारा-188 के तहत FIR दर्ज

अब क्या एक्शन लिया जा सकता है?
अगर डेडलाइन खत्म होने तक किसी भी सोशल मीडिया का जवाब नहीं आता है तो सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगी। सूत्रों के मुताबिक, नियमों का पालन नहीं होता है तो सरकार इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को दी हुई इम्युनिटी वापस ले सकती है। इस इम्युनिटी के तहत सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स का रोल भारत में intermediary यानी बिचौलिए के तौर पर दर्ज है।

https://www.instagram.com/tv/CPQh9Z5IveL/?utm_source=ig_web_copy_link

कोरोना से नहीं वैक्सीन से डर लगता है: स्वास्थ्य विभाग की टीम को देख लोगों ने लगाई नदी में छलांग

इसके मायने यह हैं कि अगर कोई यूजर किसी पोस्ट को लेकर कोर्ट जाता है तो इन प्लेटफॉर्म्स को अदालत में पार्टी नहीं बनाया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि अगर सरकार इम्युनिटी हटा लेगी तो इन सोशल मीडया प्लेटफार्म को भी कोर्ट में पार्टी बनाया जा सकता है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर सकती है।

CBSE 10th क्लास के सैंपल पेपर जारी,ऐसे करें डाउनलोड Bhopal: आशा कार्यकर्ता से 7000 की रिश्वत लेते हुए बीसीएम गिरफ्तार Vaidik Watch: उज्जैन में लगेगी भारत की पहली वैदिक घड़ी, यहां होगी स्थापित मशहूर रेडियो अनाउंसर अमीन सयानी का आज वास्तव में निधन हो गया है। आज 91 वर्षीय अमीन सयानी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। इस बात की पुष्टि अनेक पुत्र राजिल सयानी ने की है। अब बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन वर्ष में दो बार किया जाएगा।