पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के टर्मिनल-1 की चौथी और पांचवीं मंजिल पर भीषण आग लगी है। बताया जा रहा है कि यहां स्थित लैब में टीबी से बचाव के लिए लगाया जाने वाला BCG का टीका तैयार किया जाता है। फिलहाल आग से जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। मौके पर दमकल की 10 गाड़ियां मौजूद हैं। बिल्डिंग से चार कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला गया है।
SII के CEO अदार पूनावाला ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘आग से कुछ फ्लोर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं, लेकिन शुक्र है कि किसी की जान नहीं गई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ।’
Thank you everyone for your concern and prayers. So far the most important thing is that there have been no lives lost or major injuries due to the fire, despite a few floors being destroyed.
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) January 21, 2021
SII के पुणे प्लांट में ही कोरोना से बचाव के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड वैक्सीन बनाई जाती है। हालांकि, आग से कोवीशील्ड वैक्सीन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। जिस इमारत में आग लगी, वहां काम चल रहा था। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है।
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सीरम में ही बनाई जा रही कोवीशील्ड
सीरम इंस्टीट्यूट में ही ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड बनाई जा रही है। यह वैक्सीन इस कैम्पस के अलग हिस्से में बनाई और स्टोर की जा रही है। घटना का वैक्सीन प्रोडक्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हाल ही में यहां से वैक्सीन की खेप देशभर में पहुंचाने का सिलसिला शुरू हुआ है।
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क्यों खास है सीरम इंस्टीट्यूट?
यह वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। अब तक यह अलग-अलग वैक्सीन के 1.5 अरब डोज बेच चुकी है। यह एक तरह का रिकॉर्ड भी है। एक आंकड़े के मुताबिक, दुनिया के 60% बच्चों को सीरम की एक वैक्सीन जरूर लगी है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) से मान्यता प्राप्त सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन 170 देशों में सप्लाई होती हैं। यह कंपनी पोलियो वैक्सीन के साथ-साथ डिप्थीरिया, टिटनस, पर्ट्युसिस, HIV, BCG, आर-हैपेटाइटिस बी, खसरा, मम्प्स और रूबेला के टीके भी बनाती है।