शराब घोटाले में ईडी की ओर से कहा गया है कि बीते मार्च महीने में कई ठिकानों में छापेमारी से जुटाए साक्ष्य और इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के बयान से 2019 से 2022 के बीच 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा के भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है।…
Chhattisgarh Liquor Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2,000करोड़ रुपये के शराब घोटाले का भंडाफोड़ किया है, जो कथित तौर पर छत्तीसगढ़ में शीर्ष राजनेताओं और नौकरशाहों की मदद से संचालित किया जा रहा था, जहां कांग्रेस सत्ता में है। ED ने मामले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को भी गिरफ्तार किया है और उसे चार दिनों के लिए EDकी हिरासत में भेज दिया गया है। अनवर ढेबर कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई हैं।
आपको बता दें कि,जांच एजेंसी ने पहले मार्च में कई स्थानों पर तलाशी ली थी और कथित घोटाले में शामिल विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए थे। एजेंसी का दावा है कि उसने “2019और 2022के बीच 2,000करोड़ रुपये के अभूतपूर्व भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग” के सबूत एकत्र किए हैं। EDने कहा कि,“PMLAजांच से पता चला है कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में काम कर रहा था। अनवर ढेबर, हालांकि एक निजी नागरिक थे, को उच्च-स्तरीय राजनीतिक अधिकारियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के अवैध संतुष्टि के लिए समर्थन और काम किया गया था।”
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अधिकारियों के अनुसार, अनवर ने एक विस्तृत साजिश रची और घोटाले को अंजाम देने के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं का एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया ताकि छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की प्रत्येक बोतल से अवैध रूप से पैसा एकत्र किया जा सके। खबरों के अनुसार,छत्तीसगढ़ में कई नौकरशाह और राजनेता ईडी की जांच के दायरे में हैं।
राज्य में राजस्व का सबसे बड़ा जरिया शराब में वसूली जाने वाली एक्साइज ड्यूटी है। आबकारी विभाग की जिम्मेदारी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित करने, शराब की गुणवत्ता तय करने और अवैध शराब की सप्लाई पर रोक लगाना है। लेकिन अनवर ढेबर के बनाए सिंडिकेट के चलते इसके विपरीत काम हो रहा था।