शिक्षा घोटाले को लेकर मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने किया गिरफ्तार

    शिक्षा घोटाले को लेकर मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने किया गिरफ्तार
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    ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षा घोटाले मामले में ईडी ने किया गिरफ्तार

    पश्चिम बंगाल के कथित शिक्षा घोटाले में ममता बनर्जी सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। ई़डी ने इसके साथ ही उनकी करीबी बताई जाने वाली अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में लिया है। बता दें कि पिछले 26 घंटे की पूछताछ के बाद ED ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पार्थ चटर्जी को कोलकाता में उनके आवास से गिरफ्तार किया हैं। ईडी की टीम एसएससी भर्ती घोटाले के सिलसिले में 22 जुलाई से यहां पर थी। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी के घर ईडी की टीम पहुंची थी।

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    ED के अधिकारियों ने चटर्जी से आवास पर शुक्रवार सुबह आठ बजे से उनसे पूछताछ शुरू की थी। ईडी को चटर्जी की निकट सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की दक्षिण कोलकाता में स्थित एक संपत्ति से 20 करोड़ रुपये नकद राशि मिली है। जब यह कथित घोटाला हुआ था, तब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे। प्रवर्तन निदेशालय इस घोटाले में कथित रूप में शामिल लोगों के खिलाफ धनशोधन संबंधी पहलू की जांच कर रहा है।

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    हाईकोर्ट के निर्देशों पर सीबीआई के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है। जबकि ईडी इस मामले से संबंधित कथित धनशोधन की तफ्तीश में जुटा है। ईडी ने शुक्रवार को जैसे ही कुछ तस्वीरें ट्वीट की तो सियासी भूचाल आ गया। एजेंसी ने एक कमरे के अंदर भारी मात्रा में नकदी का ढेर लगे होने की चार तस्वीरें साझा कीं। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि रकम कितनी थी और कहां मिली।
    जिसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि टीएमसी नेताओं ने विभिन्न पदों पर भर्ती के सिलसिले में वर्षों से भारी धनराशि जमा की है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि इस बात पर कोई विश्वास नहीं करेगा कि उसके (तृणमूल कांग्रेस के) ‘‘आलाकमान’’को इसकी जानकारी नहीं थी।

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    किसी का नाम लिये बगैर घोष ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘अब तक सामने आए सबूतों के आधार पर शीर्ष नेतृत्व से पूछताछ की जानी चाहिए। उसी संवाददाता सम्मेलन में, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि टीएमसी प्रमुख बनर्जी, केंद्रीय जांच एजेंसियों को ‘‘बदनाम’’ करने के लिए विभिन्न विपक्षी दलों के अभियान में सबसे आगे रही हैं। उन्होंने कहा कि यह ‘‘चोर मचाए शोर’’ का मामला है।

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