धनतेरस के साथ लक्ष्मी पूजन का पांच दिनी पर्व शुरू, बाजारों में त्योहार की रौनक..

धनतेरस के साथ लक्ष्मी पूजन का पांच दिनी पर्व शुरू, बाजारों में त्योहार की रौनक..

Share this News

इंदौर. लक्ष्मी पूजन के पांच दिनी पर्व दिवाली की शुरुआत धनतेरस के साथ हो गई। पहले दिन भगवान धन्वंतरि के साथ लक्ष्मी-कुबेर का पूजन हो रहा है। इसके साथ ही हर देहरी पर अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए दीपदान किया जाएगा। पुष्य नक्षत्र के बाद आए खरीदी के दूसरे मुहूर्त पर बाजार एक बार फिर खरीदारों से गुलजार होंगे। शुभ मुहूर्त में सोने, चांदी और वाहनों की खरीदारी होगी। इस अवसर पर शाम ढलने के साथ देहरी पर दीप सजाए जाएंगे और घर-आंगन में रंगोली बनेगी। बाजार भी पूरी तरह सज चुका है और यहां खरीदी मुहूर्त में ग्राहकों का पहुंचना भी शुरू हो गया है।

अमित शाह का ऐलान- हरियाणा में बनेगी BJP-JJP की सरकार…

प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि होने से धनतेरस मनाना शास्त्र सम्मत

ज्योतिर्विद् पं. विजय अड़ीचवाल के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की शुरुआत 25 अक्टूबर को शाम 7.08 मिनट से होगी, जो अगले दिन शनिवार को दोपहर 3.46 बजे तक रहेगी। प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि 25 अक्टूबर को होने से इस दिन धनतेरस मनाना शास्त्र सम्मत होगा। इस दिन सुबह 9.51 बजे से ब्रह्मयोग लगेगा। इस दिन लक्ष्मी और कुबेर पूजन के साथ यम दीपदान का विशेष महत्व है। इस दिन चांदी, पीतल के बर्तन, चांदी के सिक्के, गणेश व लक्ष्मी की प्रतिमाएं खरीदी जाती है।

पूर्व CM की बहू डॉ रचना शुक्ला की सांप काटने से मौत..

एक दिन पहले चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान से निखरेगा रूप

दिवाली के एक दिन पहले मनाई जाने वाली रूप चतुर्दशी पर इस बार दीपदान और अभ्यंग स्नान अलग-अलग दिन होगा। चतुर्दशी 26 अक्टूबर को दोपहर 3.47 बजे लगेगी, जो अगले दिन 27 को दोपहर 12.47 बजे तक रहेगी। 26 अक्टूबर को रात 8.27 बजे से हस्त नक्षत्र लगेगा, जो अगले दिन शाम 5.48 बजे तक रहेगा। रूप चतुर्दशी के अभ्यंग स्नान का महत्व सूर्योदय से पहले है, इसलिए यह लक्ष्मी पूजन वाले दिन 27 को सुबह होगा, जबकि दीपदान प्रदोषवेला में किया जाता है, इसलिए दीपदान 26 को किया जाएगा।

किसानों के लिए खुशखबरी…

सुख-समृद्धि की कामना के साथ होगा महालक्ष्मी पूजन

पर्व के तीसरे दिन सुख-समृद्धि की कामना के साथ महालक्ष्मी पूजन 27 अक्टूबर को होगा। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 12.23 से 28 को सुबह 9.08 बजे तक रहेगी। इस दिन शाम को 5.48 बजे तक हस्त नक्षत्र और इसके बाद चित्रा नक्षत्र लगेगा। इस बार महालक्ष्मी का पूजन हस्त और चित्रा नक्षत्र के मंगलकारी संयोग में बनेगा। इस अवसर पर लोग दीपदान करेंगे। हालांकि उदयाकाल चतुर्दशी होने से तिल-तेल के उबटन से स्नान के साथ भगवान कृष्ण का पूजन भी किया जाएगा।

BCCI के अध्यक्ष बने गांगुली..

प्रतिपदा तिथि का क्षय, बनेगा सोमवती अमावस्या का संयोग

चौथे दिन गिरिराज और गोवर्धन पूजन का पर्व 28 अक्टूबर को मतमतांतर के साथ सोमवार को किया जाएगा। इसके पीछे कारण कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि का क्षय होना है। अमावस्या तिथि इस दिन सुबह 9.08 बजे तक रहेगी। इसके बाद सुबह 9.09 बजे से 29 को सुबह 6.12 मिनट तक रहेगी। इस दिन उदयाकाल में कार्तिक अमावस्या होने से सोमवती अमावस्या का संयोग रहेगा।

अनुपम खेर की 501वीं फिल्म..

भाई-बहन के पर्व पर बहन को मिलेगा सौभाग्य का आशीष

ज्योतिर्विद् पं. विजय अड़ीचवाल के अनुसार इस बार भाईदूज 29 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन द्वितीया तिथि सुबह 6.13 से 30 अक्टूबर को तड़के 3.47 बजे तक रहेगी। इस दिन बहनों को सौभाग्य प्रदान करने वाला और भाई को लंबी उम्र देने वाला आयुष्मान योग भी रहेगा। आयुष्मान योग दोपहर 3.02 बजे तक और इसके बाद सौभाग्य योग लगेगा।

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्यों इतनी तेजी से फैल रहा आई फ्लू,काला चश्मा पहनने से मिलेगा लाभ कैसै बना बजरंग दल,जाने क्या है इसका इतिहास जानिए पहलवानों के आरोप और विवादों में घिरे ब्रजभूषण शरणसिंह कौन है?. Most Dangerous Dog Breeds: ये हैं दुनिया के पांच सबसे खतरनाक कुत्ते जाति प्रमाण पत्र कैसे बनाये, जाति प्रमाण पत्र कितने दिन में बनता है