पूर्णिया। पूर्णिया में एक गांव के लोग शराबियों की हरकत से इस हद तक परेशान हो गए कि गांववालों ने सामूहिक रूप से यह फैसला किया कि वे शराब पीकर मरने वालों के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे। साथ ही इस बात का भी फैसला किया गया कि शराब पीने और शराब बेचने वालों का वे सामाजिक बहिष्कार करेंगे। इस मामले में ताज्जुब की बात यह है कि पूर्णिया में शराबबंदी के बाद भी शराब बिक रही है। शराबियों से त्रस्त होकर अजीब फैसला लेने का मामला पूर्णिया की फतेहपुर पंचायत का है। गांव वालों ने अपने इस फैसले से स्थानीय पुलिस, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करा दिया है।

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ग्रामीणों का कहना है कि पूरा गांव शराबियों की हरकत से बहुत परेशान है। ग्रामीणों ने स्थानीय मुखिया शमीना खातून तथा सरपंच सारेजान खातून को इस बात की सूचना दी और समस्या का समाधान निकालने की अपील की। गांव वालों की बात सुनकर मुखिया व सरपंच ने फतेहपुर साह टोला गांव निवासी टेंगर अली के घर पर रविवार को ग्रामीणों की बैठक बुलाई। पंचायत में शराबबंदी को लेकर कमेटी का गठन किया गया। गांव वालों की इस बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि जो भी व्यक्ति शराब पीते या जुआ खेलते हुए गांव में पकड़ा जाएगा, उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति शराब पीता है या शराब का कारोबार करता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ भी इसी तरह का कदम उठाया जाएगा। गांव में यदि शराब पीकर किसी की मौत हो जाती है तो उसकी शवयात्रा में गांव का कोई भी व्यक्ति शरीक नहीं होगा। शराब के नशे में हंगामा करने वालों के खिलाफ कमेटी के सदस्य स्थानीय थाने को सूचना देंगे एवं स्थानीय स्तर पर उनके परिजन से जुर्माने की भारी रकम वसूल की जाएगी। बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब बिकने का सिलसिला जारी है।

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By vicharodaya

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