श्मशान घाट पर लगा शवों का अंबार, कोरोना ने बदल दी अंतिम संस्कार की परंपराएं

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    कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते देश के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. पूरी तरह से बेकाबू हो चुकी कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपने कब्जे में ले लिया है. कोरोना की वजह से स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि जिंदा मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा और मारे जा रहे मरीज के शवों को समय पर अग्नि नहीं मिल रही. कोरोना के चलते मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की स्थिति भी काफी भयानक हो चुकी है. मध्य प्रदेश के श्मशान घाट (Crematorium) पहुंच रहे शवों को जगह नहीं मिल रही है जिसकी वजह से काफी दिक्कतें आ रही हैं. मृतकों के परिजन रीति-रिवाजों को भूलकर जैसे-तैसे शवों को अग्नि दे रहे हैं.

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    श्मशान घाट पर लगा शवों का अंबार
    हालात इतने बुरे हो चुके हैं कि शवों का अंतिम संस्कार भी मानो कोरोनावायरस के इशारों पर किया जा रहा है. ग्वालियर के श्मशान घाटों पर शवों को अंबार लगा हुआ है. समय पर जगह नहीं मिलने के कारण कोरोना मरीज के शवों को परंपरा के खिलाफ जाकर अंधेरे में अग्नि दी जा रही है. इतना ही नहीं, जगह न मिलने के कारण शवों को श्मशान घाट के रास्तों में भी अग्नि दी जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लक्ष्मीगंज श्मशान घाट का भी बोझ काफी बढ़ गया है. लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में अब रोजाना 20 से भी ज्यादा शव आ रहे हैं. गुरुवार को यहां 22 कोरोना मरीज के शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

    गुरुवार को सामने आए थे 12,384 नए मामले
    मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस जमकर तांडव मचा रहा है. गुरुवार को राज्य में कोरोना के 12384 नए मामले आए और 75 लोगों की मौत हुई. नए मामलों के बाद राज्य में अब कुल मामलों की संख्या 4,59,195 हो गई है जबकि मरने वालों का आंकड़ा 4863 तक पहुंच चुका है. गुरुवार को मध्य प्रदेश में 9620 मरीज कोरोना से रिकवर हुए, जिसके बाद राज्य में रिकवर होने वाले कुल मरीजों की संख्या 369375 हो गई. राज्य के एक्टिव केस चिंता की सबसे बड़ी वजह है. गुरुवार को आए नए मामलों और रिकवरी के बाद यहां एक्टिव मामलों की संख्या करीब 85 हजार हो गई है.