बहन की जलती चिता में कूद चचेरे भाई ने दी जान,चिता के पास ही किया उसका भी अंतिम संस्कार

बहन की जलती चिता में कूद चचेरे भाई ने दी जान,चिता के पास ही किया उसका भी अंतिम संस्कार

Share this News

मौत कि खबर मिलते ही 430 किलोमीटर दूर धार से उसका चचेरा भाई घर लौटा और बहन की जलती चिता में कूद गया

मध्यप्रदेश के सागर जिले के पास स्थित मझगुवां गांव में एक भाई ने चचेरी बहन की जलती चिता में कूद जान दे दी। आपकों बता दें युवती की कुएं में गिरने से मौत हो गई थी। जिसकि खबर चचेरे भाई को मिलते ही वह 430 किलोमीटर दूर धार से घर लौटा। यहां सीधे श्मशान घाट जाकर जलती चिता को प्रणाम कर उस पर लेट गया। आग में झुलसने से अस्पताल ले जाते वक्त उसकी भी मौत हो गई।

जिसके लगभग 36 घंटे बाद ही परिजन ने रविवार सुबह बहन की चिता के पास ही उसका भी अंतिम संस्कार कर दिया। यह गांव सागर से 20 किमी दूर है।

भोपाल: पति ने हथौड़ा मारकर पत्नी का मुंह फोड़ा,हमीदिया अस्पताल जिंदगी की जंग लड़ रही पिड़िता

ज्योति के साथ आखिर हुआ क्या था?
ज्योति उर्फ प्रीति (21) गुरुवार शाम 6 बजे वह खेत पर गई थी, लेकिन तीन घंटे तक वापस नहीं आई। ज्योति के बड़े भाई शेरसिंह ठाकुर ने बताया कि खेत पर सब्जियां लगी हैं। ज्योति शाम को सब्जियां लेने के लिए जाती थी, लेकिन देर तक नहीं लौटी तो हमने सोचा किसी सहेली के घर गई होगी। फिर गांव में रात 12 बजे तक तलाश की लेकिन पता नहीं चला।

शुक्रवार सुबह 9 बजे ज्योति के पिता भोले सिंह खेत गए। उन्हें अंदेशा हुआ कि ज्योति कुएं में न गिर गई हो तो कुएं में मोटर लगाकर पानी खाली कराया। दो घंटे बाद 11 बजे कुएं में ज्योति के कपड़े दिखाई देने पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने ज्योति का शव कुएं से बाहर निकाला और पीएम के लिए भेजा। इसकी खबर ज्योति के धार में रह रहे चचेरे भाई करण ठाकुर (18) को लगी तो वह बाइक से सागर के लिए निकल पड़ा।

स्पा सेंटर की आड़ में चल रहे सेक्स रैकेट का पर्दाफाश,कई आपत्तीजनक सामग्री बराबर

ज्योति का शुक्रवार शाम को हुआ अंतिम संस्कार
बहेरिया थाना प्रभारी दिव्य प्रकाश त्रिपाठी ने बताया पोस्टमॉर्टम के बाद ज्योति का शव परिजन को शुक्रवार शाम को सौंप दिया। इसके बाद परिजन ने गांव के पास ही श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार किया। ज्योति के बड़े भाई शेर सिंह ने बताया शुक्रवार शाम 6 बजे अंतिम संस्कार के बाद गांव के सभी लोग घर लौट आए। तब तक करण ठाकुर वहां नहीं पहुंचा था।

शनिवार सुबह 11 बजे गांव के ही कुछ लोगों ने बताया कि ज्योति की चिता के पास उसका भाई आग में झुलसा पड़ा है। करण धार से अक्सर मझगुवां गांव आया-जाया करता था, इसलिए गांव के कुछ लोग भी करण को जानते थे।

मां की लाश को पन्नी में भर बेटी ने बैतूल के जंगल में फेंका,पति ने दिया था साथ

अस्पताल ले जाते समय हुई करण की मौत
करण के झुलसने की सूचना धार जिले के धरमपुरी तहसील के खलघाट गांव में उसके पिता उदय सिंह को दी। उन्होंने बताया करण शुक्रवार शाम को ही बहन की मौत की सूचना मिलने पर सागर के लिए बाइक से रवाना हो गया था। शेर सिंह ने बताया कि करण शनिवार सुबह 7 से 9 बजे के बीच श्मशान पहुंचा होगा और बहन की जलती चिता पर लेट गया। गांव वालों ने उसे करीब 11 बजे झुलसा हुआ देखा। तब वे अस्पताल लेकर गए, लेकिन रास्ते में ही करण की मौत हो गई।

मां-बाप के आने के बाद अंतिम संस्कार
शनिवार दोपहर में करण की मौत के बाद उसका शव भी पीएम के लिए भेजा। शनिवार शाम को पुलिस ने शव परिजन को सौंप दिया, लेकिन तब तक करण के मां-बाप धार से सागर नहीं पहुंच पाए थे। रात में मां-बाप मझगुवां गांव पहुंचे। तब उनकी मौजूदगी में रविवार सुबह बहन ज्योति की चिता के पास ही परिजन ने करण का अंतिम संस्कार किया।

मध्य प्रदेश के इस जिले में लोगों ने किया पंचायत चुनाव में मतदान का सामूहिक बहिष्कार

दोनों मौत की जांच कर रहे हैं
थाना बहेरिया के टीआई दिव्य प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि ​​​​​21 साल की ज्योति उर्फ प्रीति कुएं से पानी भर रही थी। पैर फिसलने से वह कुएं में गिर गई और डूबने से उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसका चचेरा भाई करण धार से मझगुवां गांव पहुंचा और बहन की जलती चिता में लेट गया। वह बुरी तरह झुलस गया। उसे अस्प्ताल ले जाया जा रहा था तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई। पुलिस दोनों मामलों में जांच कर रही है।

हमसे व्हाट्सएप ग्रुप पर जुड़े

खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

रोजगार की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्यों इतनी तेजी से फैल रहा आई फ्लू,काला चश्मा पहनने से मिलेगा लाभ कैसै बना बजरंग दल,जाने क्या है इसका इतिहास जानिए पहलवानों के आरोप और विवादों में घिरे ब्रजभूषण शरणसिंह कौन है?. Most Dangerous Dog Breeds: ये हैं दुनिया के पांच सबसे खतरनाक कुत्ते जाति प्रमाण पत्र कैसे बनाये, जाति प्रमाण पत्र कितने दिन में बनता है